New Delhi| नागर विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को सभी लंबित यात्री रिफंड बिना किसी देरी के जारी करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि सभी रद्द या बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया रविवार, 7 दिसंबर 2025 रात 8:00 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। एयरलाइनों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे उन यात्रियों से कोई पुनर्निर्धारण शुल्क न लें जिनकी यात्रा योजनाएं उड़ानों के रद्द होने से प्रभावित हुई हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी या अनुपालन न होने पर तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी।

विशेष यात्री सहायता और धन वापसी प्रकोष्ठ

निर्बाध शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए, इंडिगो को समर्पित यात्री सहायता और धनवापसी सुविधा प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। इन प्रकोष्ठों को प्रभावित यात्रियों से सक्रिय रूप से संपर्क करने और यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि धनवापसी और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्थाएँ बिना किसी बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई के पूरी हो जाएँ। स्वचालित धनवापसी की यह प्रणाली परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक सक्रिय रहेगी।

सामान प्रबंधन पर आश्वासन

मंत्रालय ने इंडिगो को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उड़ानों के रद्द होने या देरी के कारण यात्रियों से अलग हुए सभी सामान का पता लगाया जाए और अगले 48 घंटों के भीतर यात्री के निवास या चुने हुए पते पर पहुंचा दिया जाए। एयरलाइनों को ट्रैकिंग और डिलीवरी की समय-सीमा के बारे में यात्रियों के साथ स्पष्ट संवाद बनाए रखने और मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत ज़रूरत पड़ने पर मुआवज़ा देने के लिए कहा गया है।

यात्रियों के लिए शून्य-असुविधा नीति

नागर विमानन मंत्रालय इस व्यवधान के दौरान यात्रियों के अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों, हवाई अड्डों, सुरक्षा एजेंसियों और सभी परिचालन हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाए हुए है। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, छात्रों, रोगियों और तत्काल यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए उचित सुविधा सुनिश्चित करने हेतु निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया गया है। मंत्रालय पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया पर लगातार नज़र रख रहा है और जल्द से जल्द पूर्ण परिचालन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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