प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ मियागी प्रान्त के सेंडाई स्थित सेमीकंडक्टर संयंत्र का दौरा किया। दोनों नेताओं ने सेंडाई में सेमीकंडक्टर क्षेत्र की अग्रणी जापानी कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड (टीईएल मियागी) का दौरा किया। इस दौरान मोदी को वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में टीईएल की भूमिका, इसकी उन्नत विनिर्माण क्षमताओं और भारत के साथ इसके जारी एवं नियोजित सहयोग के बारे में जानकारी दी गई। संयंत्र के दौरे से नेताओं को सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला, निर्माण और परीक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच मौजूद अवसरों की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हुई।
मोदी के सेंडाई दौरे ने भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र और उन्नत सेमीकंडक्टर उपकरण एवं प्रौद्योगिकी में जापान की ताकत के बीच पूरकता को उजागर किया। दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने, जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर सहयोग ज्ञापन के साथ-साथ भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा संवाद के तहत वर्तमान सहयोग को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा की इस संयुक्त यात्रा ने भारत और जापान के बीच मज़बूत, लचीली और विश्वसनीय सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाएँ विकसित करने के साझा दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा में शामिल होने के लिए जापान के प्रधानमंत्री इशिबा का आभार व्यक्त किया और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में जापान के साथ मिलकर काम करने की भारत की तत्परता की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री इशिबा ने सेंडाई में प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन किया। इस अवसर पर मियागी प्रान्त के गवर्नर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
जापान के प्रांतों के गवर्नरों के साथ बातचीत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रांतों के गवर्नरों से मुलाकात की। इस बातचीत में 16 गवर्नरों ने भाग लिया।
विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की गति पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि टोक्यो और दिल्ली तक सीमित संबंधों से आगे बढ़कर राज्य-प्रांत संबंधों को नए सिरे से बढ़ावा दिया जाए। इस संदर्भ में, उन्होंने 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुरू की गई राज्य-प्रांत साझेदारी से जुड़ी पहल पर प्रकाश डाला, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने गवर्नरों को भारत की विकास गाथा में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उनसे दोनों देशों द्वारा की गई युवाओं और कौशल के आदान-प्रदान से जुड़ी प्रतिबद्धताओं में योगदान देने और जापानी तकनीक को भारतीय प्रतिभा के साथ सर्वोत्तम रूप से संयोजित करने का आग्रह किया। गवर्नरों ने कहा कि भारत-जापान व्यापार, शैक्षिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को महत्वाकांक्षा के अगले स्तर तक ले जाने के लिए उप-राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
