नई दिल्ली (डेस्क न्यूज)। तमिलनाडु में प्राकृतिक आपदा की वजह से करीब 69 लाख परिवार और 1.5 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सीएम स्टालिन के अनुसार, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम और कल्लकुरिची जिलों में तो एक ही दिन में पूरे मौसम के औसत (50 सेमी से अधिक) के बराबर बारिश हुई है।

चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ ने तमिलनाडु में जमकर तबाही मचाई है। तूफान की वजह से भारी बारिश और बाढ़ ने राज्य में भारी नुकसान पहुंचाया और हादसे में कई लोगों की मौत भी हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से राज्य में आई आपदा और वहां के हालात को लेकर बात की है। पीएम मोदी ने राज्य को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने आज मंगलवार को मुख्यमंत्री स्टालिन से बात की और राज्य के कई हिस्सों में आई विनाशकारी बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की। साथ ही स्टालिन को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद और समर्थन का आश्वासन भी दिया।

तमिलनाडु के उत्तरी क्षेत्र के विल्लुपुरम जिले में सोमवार को भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई। कई गांवों और आवासीय कॉलोनियों से संपर्क टूट गया। पुल और सड़कें जलमग्न हो गई। हजारों एकड़ की खड़ी फसलें भी जलमग्न हो गईं।

इस बीच तिरुवन्नामलाई में, एक दिसंबर की रात को बारिश के दौरान मिट्टी के खिसकने और पहाड़ी की चोटी से आए एक बड़े पत्थर से कुचले गए घर से आज पांच शव बरामद किए गए।

इससे पहले मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि चक्रवाती तूफान फेंगल ने राज्य में भीषण तबाही मचाई है। उन्होंने पीएम मोदी से 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत तुरंत जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल प्रशासन को क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचों और आजीविका की अस्थायी बहाली के लिए किया जाएगा।

चक्रवात फेंगल पिछले महीने 23 नवंबर को कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उभरा और दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के 14 जिलों में भीषण तबाही मचाई। सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखे अपनो पत्र में कहा कि शुरुआत में, तिरुवरुर, तंजावुर, मयिलादुथुराई और नागपट्टिनम जिलों में भारी बारिश हुई।

इसके अलावा राजधानी चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम और विल्लुपुरम जैसे जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुईं। फिर एक दिसंबर को जब इन इलाकों में तूफान आया तो कुड्डालोर, कल्लकुरिची, विल्लुपुरम और तिरुवन्नामलाई में सड़कों और बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा। हवा की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई थी जिससे कई जगहों पर सड़कें उखड़ गईं। इसके अलावा धर्मपुरी, रानीपेट, कृष्णगिरि, वेल्लोर और तिरुपथुर के अंदरूनी जिलों में भी भारी बारिश और बाढ़ ने खासा नुकसान पहुंचाया।

इस प्राकृतिक आपदा की वजह से करीब 69 लाख परिवार और 1.5 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए। सीएम स्टालिन के अनुसार, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम और कल्लकुरिची जिलों में तो एक ही दिन में पूरे मौसम के औसत (50 सेमी से अधिक) के बराबर बारिश हो गई। इस वजह से यहां पर बाढ़ जैसे हालात हो गए और बुनियादी ढांचों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।

सीएम ने कहा कि नुकसानों के शुरुआती आकलन से पता चला है कि अस्थायी बहाली प्रयासों के लिए करीब 2,475 करोड़ रुपये की जरुरत है।

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