मुंबई (डेस्क न्यूज)। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच सीएम पद को लेकर कश्मकश बनी हुई है। राज्य में सबसे अधिक सीटों के साथ बीजेपी के बड़ी पार्टी बनने के बाद फडणवीस का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है, तो वहीं, एकनाथ शिंदे सीएम पद पर पूरी तरह डटे हुए हैं और अजित पवार खेमा भी सियासी पावर पाने की मंशा में है। बीजेपी के दोनों ही सहयोगी दलों ने जिस तरह अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की मांग उठाई है, उससे एक बात साफ है कि महायुति में सत्ता की कमान का फैसला आसान नहीं है। मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है, लेकिन फाइनल मुहर लगना आसान नहीं है। महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मुंबई से दिल्ली तक बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी नेताओं की अलग-अलग बैठकों का दौर जारी है। इसके साथ ही सीएम पद को लेकर दबाव बनाने की राजनीति भी शुरू हो गई है। एनसीपी के विधायक दल की बैठक में अजित पवार को नेता चुना गया है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई। वहीं, शिवसेना विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना और पार्टी नेता प्रताप सरनाईक ने कहा कि सभी विधायक चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे सीएम बने रहें।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े का कहना है, “महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल मंगलवार 26 नवंबर की रात 12 बजे तक खत्म हो रहा है। ऐसे में उससे पहले सरकार बनानी है। सीएम पद को लेकर तीनों पार्टियां मिलकर फैसला करेंगी और जल्द ही इस बारे में हम लोग फैसला ले लेंगे। एनसीपी और शिवसेना दोनों ही बीजेपी के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, ताकि सरकार बनाई जा सके।”