लखनऊ। पान के पत्तों का बना पान तो आप सबने खाया होगा, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि मलाई से भी पान बनाया जाता है। लखनऊ शहर में मुगल काल से यह पान बनाया जा रहा है। यह पान नवाब वाजिद अली को पहली बार उपहार के रूप में खिलाई गई थी। इसके बाद से यह पान यहां कि संस्कृति में ऐसा रच बस गया कि मीठों के शौकिनों के बीच प्रसिद्ध हो गया।
यह पान लखनऊ में करीब 700 सालों से बनाया जा रहा है।
पान की शुरुआत राम आश्रय द्वारा सन 1805 में एक दुकान खोलकर की गई। उनके इस पान का स्वाद लोगों के मुंह पर ऐसा चढ़ा है कि आज यह लखनऊ की तहजीब में पान गिलौरी के नाम से प्रसिद्ध हो गया है।
पान गिलौरी के एक बेहतर क्वालिटी के दूध को आंच में पकाया जाता है। फिर इसकी मलाई को कई परतो में पान के सेप में काटकर इसमें मेवे और मिश्री का मिश्रण भरा जाता है। इसके बाद इसे पान के सेप में लपेट कर इसमें चांदी के वर्क की परतें लगा दी जाती है। लखनऊ की पान गली में बनने वाली ये पान गिलौरी को खाने देश-विदेश और दूर-दूर से लोग आते हैं।
कई जगहों पर यह पान गिलौरी, पेठे और पान का स्वाद डालकर भी बनाई जाती है।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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