
अयोध्या। आज गंगा दशहरा के दिन अयोध्या राम मंदिर में अभिजीत मुहूर्त के अवसर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके साथ ही शिवलिंग, गणपति, हनुमानजी, सूर्य देव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा की भी मंदिरों में विधिवत स्थापना की गई। राम दरबार की मूर्तियां संगमरमर से बनाई गई हैं। इसमें मुख्य विशेष यह है कि भगवान रामसीता की मूर्ति एक पत्थर में ही तराशी गई है, जबकि लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी अलग-अलग पत्थर से बने हैं। जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने सात महीने में ये मूर्तियां तैयार की हैं।

भगवान राम और सीता की मूर्ति 4.5 फीट की है। लक्ष्मण और शत्रुघ्न 4.5 फीट के हैं। भरत और हनुमान तीन-तीन फीट के हैं। राम दरबार में भी मूर्तियों के कपड़े और आभूषण बदले जाएंगे। मंदिर परिसर में स्थित अन्य देव विग्रहों शेषावतार, परकोटा के ईशान कोण पर शिव मंदिर, अग्निकोण में गणेशजी, दक्षिणी भुजा में हनुमानजी, नैऋत्य कोण में सूर्य देव, वायव्य कोण में मां भगवती और उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता की मूर्तियों की स्थापना की गई है।

आभूषण दिए दान
राम दरबार की मूर्तियों के लिए सूरत के कारोबारी मुकेश पटेल ने हीरे, सोने-चांदी के आभूषण दान किए हैं। इसमें एक हजार कैरेट का हीरा, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना, 300 कैरेट रूबी से 11 मुकुट बनाए गए हैं।
