नई दिल्ली (एजेंसी) | रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ की भी जमकर तारीफ की। रूस का यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता ह
15वें वीटीबी रूस कॉलिंग इन्वेस्टमेंट फोरम में बोलते हुए पुतिन ने भारत की ‘इंडिया फस्ट’ नीति की प्रशंसा की। उन्होंने छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) के विकास के लिए स्थिर परिस्थितियों का निर्माण करने में भारत सरकार की सफलता पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ पहल का भी हवाला दिया। उन्होंने इसे भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए उत्प्रेरक बताया।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के पास ‘मेक इन इंडिया’ नामक एक समान कार्यक्रम है। हम भी भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस स्थापित करने के लिए तैयार हैं। हमारा मानना है कि भारत में निवेश करना लाभदायक है।’
रूस और भारत ने 2024 में 66 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार किया। यह एक रेकॉर्ड है। साथ ही इस व्यापार में पांच वर्षों में पांच गुना वृद्धि हुई है। दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का व्यापार करना है। दोनों देशों के बीच जिन प्रमुख व्यापारों को प्रमुखता दी जी रही है उनमें रेलवे, फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, विमानन और साइबर सुरक्षा शामिल हैं। ा
पुतिन ने रूसी तेल दिग्गज रोसनेफ्ट के भारत में हाल ही में किए गए 20 बिलियन डॉलर के निवेश का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश लाभदायक है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी कंपनियों के बाजार से बाहर निकलने के मद्देनजर नए रूसी ब्रांडों के उदय के बारे में भी बात की।
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि नए रूसी ब्रांडों का उदय उन पश्चिमी कंपनियों की जगह लेने में मदद कर रहा है, जिन्होंने स्वेच्छा से हमारे बाजार को छोड़ दिया है। यहां पुतिन का परोक्ष रूप से अमेरिका पर निशाना था। अगर रूस भारतीय मार्केट से अमेरिका के सामान को पीछे छोड़ता है तो इससे अमेरिका को काफी नुकसान हो सकता है।

वहीं दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स देशों के एसएमई विकास का समर्थन किया। साथ ही ग्लोबल साउथ में सुचारू व्यापार लेनदेन की सुविधा की भी बात कही। बता दें कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी। ब्रिक्स देशों में रूस, चीन और भारत भी शामिल हैं। ट्रंप ने कहा था कि ब्रिक्स देश अगर डॉलर के अलावा दूसरी करेंसी में व्यापार करते हैं तो उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जा सकता है। ऐसे में पुतिन का यह बयान अमेरिका के लिए नई चुनौती बन सकता है।

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