ओडिशा सरकार ने पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुस्थापित परंपरा का उल्लंघन करने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फरमान जारी
भुवनेश्वर। ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर ने ऐसे संस्थाओं के खिलाफ फरमान जारी किया है जो बिना किसी मुहूर्त के रथ यात्रा का आयोजन करते हैं। इसी के तहत ओडिशा सरकार ने पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुस्थापित परंपरा का उल्लंघन करने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने निर्देश दिए हैं|
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने आज कहा, ‘धार्मिक संगठनों को पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह ही रथ यात्रा का आयोजन करना चाहिए। इस संबंध में कोई भी संस्थान यदि उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार बेमौसम रथ यात्रा यानि बिना किसी मुहूर्त के निकाली जाने वाली रथयात्राओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।’
मंत्री के अनुसार, ‘राज्य सरकार ने पुरी मंदिर के शासी निकाय श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है।’
इस्कॉन मंदिर विशेष रूप से रखे ध्यान
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह बयान पुरी राजा दिव्यसिंह देब द्वारा इस्कॉन शासी निकाय आयोग के अध्यक्ष गोवर्धन दास प्रभु को लिखे पत्र के एक दिन बाद दिया, जिसमें उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया था कि दुनिया में कहीं भी कोई भी इस्कॉन मंदिर या केंद्र भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा और रथ यात्रा को शास्त्रों और परंपराओं द्वारा अनुमोदित तिथि पर आयोजित करे।
उल्लेखनीय रूप से, भारत के बाहर विभिन्न देशों में इस्कॉन मंदिर और अन्य कई स्थानों पर पवित्र मुहूर्त पर रथ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाता है। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस्कॉन के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे दुनिया में कहीं भी बेमौसम रथ यात्रा आयोजित न करें। अगर वे पुरी मंदिर की सुस्थापित परंपरा का पालन नहीं करते हैं, तो राज्य सरकार कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।
