न्यूज डेस्क। ये कहावत अहमदाबाद विमान हादसे के दो लोगों के लिए सच साबित हुई है। इसमें एक है विमान में सवार विश्वास कुमार जो 242 सवार यात्रियों में अकेले जिंदा बचे। विश्वास से जब मीडिया द्वारा पूछा गया तो उसने बताया कि उसने सोचा था कि वह भी मर जाएगा। वह विमान के इमरजेंसी गेट से बाहर कूद पड़ा था। जब विमान पर था लोग जिंदा जल रहे थे और जब उसने आखें खोली तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह जिंदा है। इतने लोगों की मौत के बीच उस भीषण आग में विश्वास कुमार का बचना एक चमत्कार ही माना जा रहा है। विश्वास कुमार एनआरआई है जो लंदन अपने घर जा रहा था। फिलहाल उसे थोड़ी चोंटे आई हैं। उसका अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। आज प्रधानमंत्री ने भी उससे मुलाकात की और उसका हाल चाल पूछा।


इसी तरह इस भीषण हादसे का शिकार होने से गुजरात के भरुच जिले की एक बेटी भी बच गई। जो विमान छूट जाने की वजह से विमान पर बैठ न सकी थी, क्योंकि जब वह एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी तो रास्ते में काफी ट्रैफिक था। इसी कारण उसे एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हो गई थी और उसे विमान में बैठने की अनुमति नहीं मिली थी। भरूच की भूमि चैहान चेकिन गेट पर दस मिनट देरी से पहुंची थी। उनका परिवार बार-बार भगवान को धन्यवाद अर्पित कर रहा है कि उनकी बेटी एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच गई। भूमि की एक छोटी सी बच्ची है। भूमि ने कहा कि जब बताया गया कि विमान हादसाग्रस्त हो गया तो मैंने अपनी देवी मां का धन्यवाद दिया। मैं स्तब्ध भी थी यह हादसा भयावह था।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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