कैंप के लोगों को पहले हो चुका था सरकार की ओर से घर आवंटन, कोर्ट की तरफ से 4 बार दिए जा चुके थे नोटिस, रेलवे की थी जमीन

नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर राजनीतिक खींचातनी जारी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी खुलकर भाजपा पार्टी की सरकार पर हमला बोल रही है। रविवार को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से जुड़े मद्रासी कैंप की झुग्गियों पर बुलडोजर एक्शन चला और कई घर गिराएं गए। यहां मकान मालिक के साथ कई किराए दार भी रहते थे। यहां सबसे ज्यादा आबादी दक्षिण भारतीयों की है इसलिए इसे मद्रासी कैंप के नाम से जाना जाता है।
अब जब दिल्ली में बुलडोजर एक्शन जारी है खासतौर पर यमुना तटीय इलाकों में तो दिल्ली की जनता और विपक्षी पार्टी सरकार पर हमलावर हो गई है।
इधर इन सब के बीच दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता का बयान आया है कि यह एक्शन दिल्ली को बाढ़ से बचाने के लिए बेहद जरूरी था। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कोर्ट के आदेश के आगे सरकार कुछ भी नहीं कर सकती। रविवार को नेहरु कैंप पहुंची सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यदि कोर्ट ने कोई आदेश दिया है तो उसके आगे न तो सरकार कुछ कर सकती थी और न ही प्रशासन। मद्रासी कैंप को गिराए जाने का सच यह है कि यह बारापुला नाले के किनारे बना हुआ था। कोर्ट ने इस बस्ती को हटाने के लिए चार बार आदेश दिया था। ताकि नाले की सफाई के लिए मशीनें लगाई जा सकें। नहीं तो दिल्ली में फिर से 2023 जैसी बाढ़ देखने को मिलेगी।
सीएम ने कहा कि कोई कोर्ट की अव्हेलना नहीं कर सकता। इस कैंप के लोगों को पहले ही घर आवंटित करके शिफ्ट कर दिया गया है। दिल्ली में तीन जगहों पर कार्रवाई की गई जिसमें रेलवे ट्रैक के पास शामिल बस्ती भी है जिसे रेलवे द्वारा कार्रवाई कर हटाया गया है। अगर जान का नुकसान होता तो कौन होता! क्या सौरभ भारद्वाज, अतिशी और अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए! कोर्ट जानता है कि वह क्या कर रही है। पूरी दिल्ली में 700 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
