नई दिल्ली (डेस्क न्यूज)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के एक बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है।उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मैं भारत सरकार से इसे रोकने के लिए कहूंगा। 24 करोड़ मुसलमानों को समंदर में नहीं फेंका जा सकता। उन्हें (सरकार को) मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘हमारे संविधान में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्हें यह याद रखना चाहिए. अगर वे संविधान को नष्ट कर देंगे, तो भारत कहां रहेगा। उमरा के दौरान मैंने अल्लाह से इबादत की है कि वह हमारी परेशानियों को कम करे और भाईचारा बरकरार रखे।’ उन्होंने कहा कि केंद्र को सांप्रदायिक तनाव वाली गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए। भारत के 24 करोड़ मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंक सकते है। मुसलमान समान व्यवहार का हकदार है। भारत के संविधान में सभी धर्म और भाषाएं समान हैं।”
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों को वापस आने से कौन रोक रहा है? हर राजनीतिक दल ने कहा है कि उन्हें वापस आना चाहिए। यह उनका फैसला है कि वे कब वापस आना चाहते हैं। हमारे दिल उनके लिए खुले हैं। जब मैं मुख्यमंत्री था और स्थिति खराब थी, तब भी हमने उन्हें वापस लाने की कोशिश की थी।’