एजेंसी (डेस्क न्यूज)। बांग्लादेश में धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में फिर एक बार अशांति का माहौल छाया हुआ है। हिन्दुओं द्वारा अपने धर्मगुरु के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद अब हिन्दुओं में हमले का दौर फिर से शुरू हो गया है। बांग्लादेश में 24 घंटे हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। हिंदुओं को गली-गली में खोजकर लाठी-डंडों और हथियारों से मारा जा रहा है। जिनकी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
पिछले दिनों बांग्लादेश में एशकाॅन के वरिष्ठ धर्मगुरू के मामले में चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई की गई थी। इस दौरान कोर्ट ने उनकी जमानत को खारिज कर चिन्मय प्रभु को जेल भेज दिया। उन्हें राजद्रोह के मामले में आरोपी बताया गया है। उनकी गिरफ्तारी के गुस्साए लोगों की तरफ से विरोध किया गया, उसी दौरान हिंसा की भड़क उठी। हिन्दुओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हिंसा में एक वकील की जान चली गई। मृतक सहायक सरकारी वकील का नाम सैफुल इस्लाम है। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। संघ के अध्यक्ष के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सैफुल इस्लाम को जबरदस्ती हॉल में खींचकर ले गए और उनकी हत्या कर दी। बांग्ला के स्थानीय अखबार के मुताबिक, मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि वकील की हत्या के पहले प्रदर्शनकारियों ने उसकी बहुत पिटाई की।
धर्मगुरु को जान का खतरा
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हुई थी। चिन्मय प्रभु ने जेल से अपने समर्थकों से अपील की है कि वो शांति बनाए रखें। उनके समर्थकों का कहना है कि धर्मगुरु चिन्मय प्रभु की जान को खतरा है, ऐसे में जल्द उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ ढाका, कमिला, खुलना, दिनाजपुर और कॉक्स बाजार सहित कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे।
घरों और मंदिरों में हमला
बीते 24 घंटों में हिंदुओं के सैकड़ों घरों, प्रतिष्ठानों और मंदिरों को तोड़ डाला गया है। हिंदुओं पर डंडे बरसाए गए हैं, उनके घरों और दुकानों में आग लगाई गई है। बहन बेटियों और महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है, लेकिन इन उपद्रवियों को रोकने वाला कोई नहीं है। बांग्लादेश की पुलिस और प्रशासन आंखें मूंदे हुए है।
हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले उपद्रवी गुंडे सड़कों पर खुल्ला घूम रहे हैं। वह हिंदुओं और उनसे जुड़े प्रतीकों पर घातक हमले कर रहे हैं। अल्पसंख्यक हिंदू अपनी जान बचाने को इधर-उधर भाग रहा है, लेकिन अब वह अपने घर में भी सुरक्षित नहीं रह गया है। इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने भी इस हमले का एक वीडियो शेयर किया है और उन्होंने लिखा है कि 24 घंटे हिंदुओं और उनसे जुड़े प्रतीकों पर हमले हो रहे हैं, इसे कौन रोकेगा।