न्यूज डेस्क। 3आई एटलस यह एक ऐसा नाम है जो इन दिनों अंतरिक्ष और वैज्ञानिकों की दुनिया में हलचल मचाए हुए है। 68 किलो मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से यह धूमकेतु या निर्मित एयरोक्राफ्ट ब्रह्मांड के चक्कर लगा रहा है। वर्तमान में यह सूर्य के समीप है। कोई इसे हरे रंग का आॅब्जेक्ट बता रहे तो कुछ वैज्ञानिकों ने इसे अंततारकीय यात्री इंटरस्टेलर काॅमेट नाम दिया है।

एक अंतरिक्ष यान की तरह इसकी सटीक यात्रा वैज्ञानिकों को यह सोचने का मजबूर कर रही है कि कहीं यह एक बड़ा अंतरिक्ष यान तो नहीं है। इसकी लंबाई 5 किलोमीटर है। कहा जा रहा है कि अगर यह अंतरिक्ष यान हुआ तो इसमें कई चैंबर बने हुए हैं। वैज्ञानिक इसे किसी धातु का बना हुआ होने की भी संभावना जता रहे हैं।
वैज्ञानिक पहले इसे धुमकेतु समझ रहे थे पर 5 नवंबर को एरिजोना स्थित लोवेल आॅबसरवेटरी के खगोलशास्त्री क्विचेंग झांग ने इस कॉमेट की नई तस्वीरें लीं। उन्हें 3 आई एटलस की बाद में पूंछ नजर नहीं आई। सामान्यतः जब धूमकेतु सूरज के करीब पहुंचता है, तो उसकी बर्फ पिघलने लगती है और गैस के रूप में बाहर निकलकर एक चमकदार पूंछ बनाती है। यही पूंछ कॉमेट यानि धूमकेतु की पहचान होती है।

फिलहाल सूरज के सबसे समीप होने के बाद यह सूरज के पीछे वाले हिस्से में चला गया है। जहां से हमारे वैज्ञानिक इसे देख नहीं पा रहे है। 3आई एटलस के आने वाले दिनों में पृथ्वी के भी समीप से गुजरने की बात कहीं जा रही है। कुछ वैज्ञानिक इसे पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के समीप से गुजरने की बात कह रहे हैं। जहां पृथ्वी की सबसे ज्यादा आबादी निवास करती है।
1 जुलाई को खोजे जाने के बाद से 3आई एटलस चर्चा में है। यह हमारे सौरमंडल में देखा गया केवल तीसरा अंतरतारकीय पिंड है। सूर्य के करीब से गुजरने के बाद अब यह 19 दिसंबर 2025 को पृथ्वी के सबसे करीब आएगा। इस दौरान यह करीब 27 करोड़ किमी की बेहद सुरक्षित दूरी पर रहेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी सामन्य धूमकेतु की तरह पूंछ का न होना और इसका हरा रंग जो इसके कार्बनडायआॅक्साइड छोड़े जाने से बन रहा हो यह ब्रह्मांड के कई अनसुलझे रहस्यों को हमारे सामने ला सकता है। इस धूमकेतु को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एटलस टेलीस्कोप ने खोजा था।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री एवी लोएब ने इसके अप्राकृतिक उत्पत्ति की संभावना जताई थी। नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक प्राकृतिक वस्तु है, एलियन स्पेसक्राफ्ट नहीं है।
वहीं नासा के यह कहने के बाद अमेरिका के कई नेता नासा पर सवाल उठा रहे हैं कि वह 3आई एटलस से जुड़े रहस्यों को छुपा रही है।
एक मीडिया चैनल न्यूजमैक्स के अनुसार, कांग्रेस सदस्य अन्ना पॉलिना लूना ने 3 आई एटलस के रहस्य पर खुलकर बात की है और हार्वर्ड के वैज्ञानिक एवी लोएब की जाँच के प्रति अपना पूर्ण समर्थन जताया है। अब वह लोएब के साथ मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि सरकार गैर-मानवीय जीवन रूपों के बारे में क्या छिपा रही है और महत्वपूर्ण फुटेज तक जनता की पहुँच क्यों रोकी जा रही है।
लूना का कहना है कि यूएफओ और ईटी के खुलासे की यह लड़ाई दोनों दलों के बीच है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि खुफिया समुदाय और रक्षा विभाग के अंदर की ताकतवर ताकतें सच्चाई को छिपाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।
सूत्रों का दावा है कि नासा के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (डत्व्) ने 2-3 अक्टूबर को 3 आई एटलस की दुर्लभ तस्वीरें ली थीं, लेकिन वे तस्वीरें अभी तक जारी नहीं की गई हैं। जिससे मामले में और भी रहस्य जुड़ गया है।
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