प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अरुणाचल न केवल उगते सूरज की धरती है, बल्कि देशभक्ति की भी भूमि है। अरुणाचल का हर व्यक्ति वीरता और सादगी का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा, “तवांग मठ से लेकर नामसाई के गोल्डन पैगोडा तक, अरुणाचल प्रदेश शांति और संस्कृति के संगम का प्रतिनिधित्व करता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला, नवरात्रि के पावन प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। उन्होंने देश भर में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लागू करने और जीएसटी बचत महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। मोदी ने कहा कि त्योहारों के मौसम में नागरिकों को दोहरा लाभ मिला है। तीसरा, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में बिजली, कनेक्टिविटी, पर्यटन और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन विशिष्टताओं के बावजूद, दिल्ली से शासन करने वाले पूर्ववर्ती लोगों ने अरुणाचल की लगातार उपेक्षा की। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों की इस सोच के लिए आलोचना की कि कम आबादी और केवल दो लोकसभा सीटों वाले अरुणाचल पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण ने अरुणाचल और पूरे पूर्वोत्तर को बहुत हानि पहुंचाई, जो विकास की यात्रा में बहुत पीछे छूट गया।
मोदी ने कहा कि मारी सरकार में केंद्रीय मंत्रियों ने 800 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है। वे स्वयं 70 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह ही उन्होंने मिज़ोरम, मणिपुर और असम का दौरा किया और गुवाहाटी में रात बिताई।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि पूर्वोत्तर के आठ राज्य अष्टलक्ष्मी के रूप में पूजनीय हैं, कहा कि इसलिए इन्हें विकास की यात्रा में पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्र की प्रगति के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित कर रही है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा एकत्र किए गए करों का एक हिस्सा राज्यों को वितरित किया जाता है। पिछली सरकार के दौरान, अरुणाचल प्रदेश को दस वर्षों में केंद्रीय करों से केवल 6,000 करोड़ रुपये मिले थे। मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि इसके विपरीत हमारी सरकार के तहत अरुणाचल को इसी अवधि में 16 गुना अधिक – एक लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं – उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंकड़ा केवल कर हिस्सेदारी से संबंधित है, और इसमें राज्य में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं और प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं के तहत अतिरिक्त व्यय शामिल नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि अरुणाचल में आज इतना व्यापक और तेज़ विकास दिख रहा है।
मोदी ने रेखांकित किया कि जीवन को सरल बनाने के लिए सरकार ईज ऑफ लिविंग; यात्रा की कठिनाइयों को कम करने के लिए, ईज़ ऑफ ट्रैवल; स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने के लिए, ईज़ ऑफ मेडिकल ट्रीटमेंट; शिक्षा में सहायता के लिए, ईज़ ऑफ एजुकेशन; और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए, ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि केंद्र और राज्य की उनकी सरकारें इन लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही हैं। जिन क्षेत्रों में सड़कें कभी अकल्पनीय थीं, अब वहां गुणवत्तापूर्ण राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सेला सुरंग जैसा बुनियादी ढांचा, जिसे कभी असंभव माना जाता था, अब अरुणाचल प्रदेश की प्रगति का प्रतीक बन गया है।
होलोंगी हवाई अड्डे पर एक नया टर्मिनल
मोदी ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के सुदूर इलाकों में हेलीपोर्ट स्थापित करने और इन क्षेत्रों को उड़ान योजना के अंतर्गत एकीकृत करने के लिए काम कर रही है, कहा कि होलोंगी हवाई अड्डे पर एक नया टर्मिनल भवन बनाया गया है, जहां से अब दिल्ली के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। इस विकास से न केवल नियमित यात्रियों, छात्रों और पर्यटकों को, बल्कि स्थानीय किसानों और छोटे उद्योगों को भी लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि फलों, सब्जियों और अन्य उत्पादों को देश भर के प्रमुख बाजारों तक पहुंचाना अब बहुत सुगम हो गया है।
प्रधानमंत्री ने दो नई बिजली परियोजनाओं के शिलान्यास की घोषणा की जो एक बिजली उत्पादक के रूप में अरुणाचल की स्थिति को मजबूत करेंगी, हजारों युवाओं के लिए रोजगार सृजित करेंगी और विकासात्मक गतिविधियों के लिए किफायती बिजली उपलब्ध कराएंगी।
गांव पर्यटन के नए केंद्र
मोदी ने कहा कि सीमावर्ती गांव जिन्हें कभी “अंतिम गांव” माना जाता था, अब देश के “प्रथम गांव” के रूप में पहचाने गए हैं। प्रधानमंत्री ने इस बदलाव के सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डाला और सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की तीव्र गति का उल्लेख किया। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की सफलता ने जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है। अकेले अरुणाचल प्रदेश में ही, ऐसे 450 से अधिक सीमावर्ती गांवों में तेज़ी से विकास हुआ है और अब इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली और इंटरनेट जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां सीमावर्ती क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन कभी आम बात थी, वहीं अब ये गांव पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे नए क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है, पर्यटन भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले एक दशक में अरुणाचल आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। मोदी ने घोषणा की कि तवांग में बनने वाला आधुनिक कन्वेंशन सेंटर राज्य के पर्यटन परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, जो अरुणाचल के विकास में महत्वपूर्ण रूप से सहायक है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल देते हुए कि आज अरुणाचल प्रदेश में जो तेज़ विकास दिखाई दे रहा है, वह दिल्ली और ईटानगर, दोनों जगहों पर कार्यरत उनकी सरकारों का परिणाम है, कहा कि केंद्र और राज्य की संयुक्त ऊर्जा विकास में लग रही है। उन्होंने कैंसर संस्थान के निर्माण कार्य के शुभारंभ और क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का ज़िक्र किया। मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत, असंख्य नागरिकों को नि:शुल्क उपचार प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये उपलब्धियां केंद्र और राज्य दोनों स्थानों पर उनकी सरकारों के कारण ही संभव हुई हैं।
मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश कृषि और बागवानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि कीवी, संतरा, इलायची और अनानास जैसे स्थानीय उत्पाद राज्य को एक नई पहचान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना इस क्षेत्र के किसानों के लिए अत्यधिक लाभप्रद साबित हो रही है।
देश भर में तीन करोड़ “लखपति दीदी” बनाने के अपने मिशन को दोहराया और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उनकी टीम इस मिशन को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने राज्य में कई कामकाजी महिला छात्रावासों की शुरुआत का भी उल्लेख किया, जिससे युवतियों को अत्यधिक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन करने और सतत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और टाटो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में विकसित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखी। सीमांत जिले तवांग में 9,820 फीट से भी अधिक की ऊँचाई पर स्थित यह केंद्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक उत्सवों और प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। 1,500 से अधिक प्रतिनिधियों की मेजबानी करने की क्षमता वाला यह केंद्र वैश्विक मानकों को पूरा करेगा और क्षेत्र की पर्यटन एवं सांस्कृतिक क्षमता को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया, जो कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। इन पहलों से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने, जीवन स्तर में सुधार होने और कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है।
व्यवसाय में सुगमता सुनिश्चित करने और एक जीवंत उद्यमशील इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के अपने विजन के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने हाल ही में जीएसटी दर युक्तिकरण के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए स्थानीय करदाताओं, व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ परस्पर बातचीत की।
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