नई दिल्ली| केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर आज कृषि भवन, नई दिल्ली से स्वयं सहायता समूहों की लाखों दीदियों के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों की स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने अनुभव साझा करते हुए, उनके जीवन में हुई प्रगति को जाहिर किया। दीदियों ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से उनके जीवन में ना केवल आर्थिक स्थिरता आई है, बल्कि मिशन के योगदान से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाएं, शक्ति का स्वरूप और रचनात्मकता का अद्वितीय उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा स्वावलंबन से जुड़ा विषय है। हथकरघा, आजादी के अहिंसक आंदोलन का हथियार भी रहा। हजारों साल पहले से हमारे ग्रामीण कारीगरों की अद्भुत कला ने ना केवल भारत बल्कि दुनिया के देशों में अपनी पहचान स्थापित की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों के अद्भुत कौशल ने स्थानीय कला और संस्कृति को जीवंत करने का बड़ा काम किया है। उनकी रचनाएं भारत की सांस्कृतिक पहचान स्थापित करने और लोक कलाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम बनी हैं।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मार्केटिंग और ब्रांडिंग को लेकर बहनों द्वारा कुछ विषय संज्ञान में लाए गए हैं, जिन पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का समय डिजाइन की मांग पर आधारित है, इसी दिशा में प्रशिक्षण को लेकर आगे कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की दीदियों से प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता सदैव उच्च बनाने रखने का भी आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने स्वदेशी उत्पाद अपनाने का मंत्र दिया है। आज प्रधानमंत्री ने यह फिर से स्पष्ट किया कि ‘दुनिया में कोई भी समझौता देश के किसानों, कारीगरों और छोटे उद्मियों को नजरअंदाज करके नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं, उससे समझौता बिल्कुल नहीं होगा, चाहे उसके लिए उन्हें स्वयं व्यक्तिगत क्षति ही क्यों ना उठानी पड़े। भारत स्वाभिमान से खड़ा रहेगा और देश के नागरिकों के हितों की सदैव सुरक्षा की जाएगी। प्रधानमंत्री जी के यह शब्द ऊर्जा का संचार करने वाले हैं। यह विकसित भारत की संकल्पना को बल देते हैं, इसलिए हम सभी को राष्ट्र प्रथम के भाव को ऊपर उठाते हुए, अपने ही देश में निर्मित उत्पादों की ओर रूख करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने स्वयं सहायता समूहों की दीदियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हृदय के भी बेहद करीब है। अब तक देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा दीदियां लखपति बन चुकी हैं। 2 करोड़ लखपति दीदियां बनाने की दिशा में हम अग्रसर हैं और जल्द की इस मिशन के तहत 3 करोड़ दीदियों को लखपति बनाने के लक्ष्य की पूर्ति कर ली जाएगी।

स्वेदशी अपनाने के संकल्प को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने देशवासियों से आह्वान किया कि आबादी को ही ताकत में बदलने का काम करें। रक्षाबंधन एवं आगामी अन्य उत्सवों व त्योहारों में देश में निर्मित उत्पादों का ही प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से यही संदेश देना चाहता हूं कि हम राष्ट्र प्रथम के भाव को ऊपर रखते हुए तय करें कि देश में बना हुआ समान ही खरीदेंगे। शिवराज सिंह ने कहा कि स्वदेशी का मंत्र अपनाने से व्यापक स्तर पर बाजार विकल्प खुल खुल जाएंगे, अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हमें वोकल फार लोकल की दिशा में ही आगे बढ़ना होगा।

अंत में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ‘स्वदेशी अपनाने और स्वाभिमान बढ़ाने’ के संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यहां दीदियों ने अपने उत्पाद भी स्टाल्स पर प्रदर्शित किए, जिनका चौहान ने अवलोकन किया और उनकी मेहनत की सराहना की।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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