देहरादून। उत्तराखंड में अब साधुओं के भेष में जनता को ठगने वालों की खैर नहीं है। उत्तराखंड सरकार अब ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ऐसे नक़ली साधुओं की धरपकड़ कर रही है। देहरादून में शुक्रवार को साधुओं के भेष में लोगों को कथित रूप से ठगने वाले एक बांग्लादेशी नागरिक सहित 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है ।

देहरादून जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर बृहस्पतिवार को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने अभियान चलाया और ऐसी जगह जहाँ ढोंगी बाबाओं की ठगने की ख़बर मिली थी वहाँ से ऐसे ठगों को गिरफ़्तार किया है।
देहरादून के सहसपुर क्षेत्र में बाबा का भेष बनाकर रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को हिरासत में लिया गया है। उक्त ठग साधु बांग्लादेश में ढाका के पास टांगाइल जिले का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी छह से सात माह पहले चोरी छिपे बांग्लादेश से देहरादून पहुँचा था और साधु बनकर लोगों को ठग रहा था। फ़िलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।

आख़िर क्या है कालनेमि
ऑपरेशन कालनेमि का नाम सुनकर आपके दिमाग़ में यह सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि आख़िर उत्तराखंड सरकार ने इस ऑपरेशन का नाम यह क्यों रखा है! तो आपको बता दें कि रामायण में एक छद्म पात्र कालनेमि था जिसके नाम पर ये ऑपरेशन कालनेमि रखा गया है। कालनेमि रामायण में एक मायावी राक्षस था जो मारीच का पुत्र था।मारीच रावण का मामा था। जब मेघनाद ने अपने शक्ति बाण से लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया था तो भगवान राम ने हनुमान को संजीवनी बूटी लाने के लिए भेजा था। इस दौरान रावण ने हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए कालनेमि को भेजा था।इस छद्म भेषधारी कालनेमि ने अपनी माया से हनुमानजी का रास्ता रोकने की कोशिश की लेकिन हनुमान जी उसकी चाल समझ गए और उसका वध कर दिया।
