नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों से 40 से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की खबरें पूरे देश में देखी जा रही हैं। वह सेलीब्रेटी हों या आम आदमी और खास तौर पर युवा वर्ग और स्कूली बच्चों में हार्ट अटैक से मौत की खबरें सोशल मीडिया में आए दिन चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
ऐसे में कई डाॅक्टरों ने इनकी दवाओं और सीपीआर थैरेपी के बारे में कई वीडियों बनाकर लोगों को इनसे बचने के लिए जागरुक भी किया है। कई केस में ऐसा देखा गया है कि पूर्ण रूप से स्वस्थ युवा भी हार्ट अटैक का शिकार होकर मौत का ग्रास बन रहे हैं। कई जगहों पर स्टेज में नाचते हुए तो कई जगहों पर दुल्हन को भी हार्ट अटैक का शिकार होते देखा गया है।
क्यों भड़की है कर्नाटक सरकार
वर्तमान में कर्नाटक सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के कोरोना वैक्सीन पर आरोप लगाया गया है, क्योंकि कर्नाटक के हसन जिले में पिछले महीने में 20 से अधिक लोग हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैयया ने अपनी एक्स पोस्ट पर इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इन मौतों के कारणों की पहचान करने और समाधान खोजने के लिए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. रविंद्रनाथ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है और उन्हें 10 दिनों के भीतर एक अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसी समिति को फरवरी में राज्य में युवाओं में अचानक मौतों के कारणों और कोविड टीकों के कोई प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं या नहीं, इस पर गहन अध्ययन करने के आदेश दिए गए थे। इस संबंध में हृदय रोगियों की जांच और विश्लेषण की प्रक्रिया भी चल रही है। हम भी बच्चों, युवाओं और मासूम लोगों के जीवन को महत्व देते हैं, जिनके आगे पूरा जीवन है और हम उनके परिवारों की चिंताओं को साझा करते हैं।
मैं भाजपा नेताओं के कार्यों की निंदा करता हूं जो ऐसे मामलों को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोविड वैक्सीन को जनता के लिए जल्दबाजी में मंजूरी देना और वितरित करना भी इन मौतों का एक कारण हो सकता है, क्योंकि हाल ही में दुनिया भर में कई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि कोविड टीके दिल के दौरे की बढ़ती संख्या का एक कारण हो सकते हैं। इससे पहले कि भाजपा इस मामले पर हमारी आलोचना करे, उन्हें अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए।’
वैक्सीन नहीं पुरानी बीमारी कारण
बहरहाल मुख्यमंत्री के इस वकतव्य के बाद अब केन्द्र सरकार के स्वास्थ मंत्रालय ने भी एक पोस्ट कर कहा है कि हार्ट अटैक की दिक्कतें कोरोना वैक्सीन के कारण नहीं बल्कि मरीजों कि पुरानी बीमारी से जुड़ी हैं।
आईएनएस मीडिया में छपे एक्स पोस्ट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि आईसीएमआर और एम्स द्वारा किए गए व्यापक अध्ययनों ने पुष्टि की है कि कोविड-19 टीकों और वयस्कों की अचानक मृत्यु के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। जांच में जीवनशैली और पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों को ऐसी घटनाओं के पीछे प्रमुख योगदान कारक माना गया है, जिससे टीके से संबंधित कारणों को खारिज कर दिया गया है।
