5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 30,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। भारत के पास वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में केवल 2 प्रतिशत हिस्सा है। इसका लक्ष्य 2033 भारत अंतरिक्ष नीति – 2023 तक क्षेत्र में 44 अरब डॉलर के निवेश को हासिल करना है।


अमरावती। आंध्र प्रदेश में तिरुपति के लेपाक्षी मे स्पेस सिटी को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं तैयार की जा रही है ताकि जल्द से जल्द स्पेस सिटी को रूप दिया जा सके। आज स्पेस सिटी के विषय को लेकर आंध्रप्रदेश के मुख्य मंत्री चंद्रबाबू नायडु ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस सिटी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नायडु ने अधिकारियों को 25 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने के लिए आंध्र प्रदेश में अंतरिक्ष नीति 4.0 बनाने का सुझाव दिया है। राज्य सरकार का मानना है कि अगर निवेश लक्ष्य पूरा हुआ तो इससे 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 30,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में 2025-2035 की अवधि के लिए सामरिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उंडावल्ली कैंप कार्यालय में आंध्र प्रदेश अंतरिक्ष नीति 4.0 पर समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें शैक्षणिक संस्थानों को भागीदार बनाया जाएगा इससे छात्र इस ओर आकर्षित होंगे।


संचार क्षेत्र के टाॅपर्स को मौका
मुख्यमंत्री ने प्लग एंड प्ले सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले आम बुनियादी ढांचे के आधार पर इस उद्देश्य के लिए एक तकनीकी समिति नियुक्त करने का भी आदेश दिया। स्पेस सिटी में जो कंपनियां संचार क्षेत्र में शीर्ष पर हैं उन्हें इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेस, एरोस्पेस, डिफेंस, ड्रोन को लेकर टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन किया जाना चाहिए।
आंध्र प्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माननीय सलाहकार, इसरो के पूर्व अध्यक्ष, सोमनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा में भाग लिया। स्पेस विजन पॉलिसी-2047 के तहत केंद्र सरकार कई अहम परियोजनाएं शुरू कर रही है। इसमें स्टारलिंक, स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन जैसे निजी ऑपरेटर भी इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर रहे है।


45 प्रतिशत तक छूट के प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में राज्य में निवेश के लिए आगे आ रही कंपनियों को बेहतर निवेश रियायत देने के अधिकारियों को सुझाव दिए हैं। 2.5 करोड़ तक सूक्ष्म, 2.5 करोड़ से 25 करोड़ तक लघु, 25 करोड़ से मध्यम, 125 करोड़ से मध्यम, 125 करोड़ से रु. निवेश 500 करोड़ तक बड़ी श्रेणी में बांटा गया है। 500 से अधिक निवेशों पर मेगा श्रेणी के तहत विचार किया जाएगा। अधिकारियों ने निवेश रियायत 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत करने के प्रस्ताव रखे हैं। साथ ही इसमें महिलाओं, बीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, विकलांगों को विशेष प्रोत्साहन देने के विषय पर समीक्षा में चर्चा की गई।

स्पेस सिटी 500 एकड़ में
नई नीति में प्रदेश में दो अंतरिक्ष शहरों के निर्माण को निर्देशित किया गया है। लेपाक्षी स्पेस सिटी में 500 एकड़ में लगने वाली डिजाइन और विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। अंतरिक्ष स्टार्टअप, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, अंतरिक्ष अनुप्रयोग-सेवाओं से संबंधित संगठन स्थापित किए जाएंगे।


मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए तिरुपति स्पेस सिटी
तिरुपति स्पेस सिटी मैनुफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स सेवाओं के लॉन्च के लिए तैयार की जाएगी। इस शहर में लॉन्च व्हीकल असेंबली, सैटलाइट-पेलोड असेंबली, मैकेनिकल सिस्टम-कंपोनेंट विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक-एविओनिक्स असेंबली संस्थानों को अवसर प्रदान किया जाएगा। बैंगलोर के पास लेपाक्षी स्पेस सिटी, श्रीहरिकोटा के पास तिरुपति स्पेस सिटी – चेन्नई एक संयोग है। तिरुपति स्पेस सिटी से श्रीहरिकोटा तक मुख्यमंत्री ने सड़क संपर्क पर कई सुझाव दिए हैं।


लक्ष्य 2040 तक चाँद पर कदम
वर्तमान में भारत के पास वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में केवल 2 प्रतिशत हिस्सा है। इसका लक्ष्य 2033 भारत अंतरिक्ष नीति – 2023 तक क्षेत्र में 44 अरब डॉलर के निवेश को हासिल करना है। 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति। अंतरिक्ष विजन-2047 के तहत भारत उपग्रहों का निर्माण, रिमोट सेंसिंग उपग्रहों का प्रक्षेपण, चंद्रयान 4, वीनस ऑर्बिटर मिशन, मार्स लैंडर मिशन, मानव अंतरिक्ष उड़ान-स्पेस स्टेशन, अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहन (एनजीएलवी) और श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड का निर्माण उद्देश्य हैं। लक्ष्य 2040 तक चाँद पर कदम रखने की है। राज्य सरकार केंद्रीय उद्देश्य के अनुसार आंध्र प्रदेश स्पेस पॉलिसी 4.0 विकसित हो रही है।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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