नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापनों, इमेल, टिक प्रश्न और इंटरनेट की दुनिया में तमाम तरह के हथकंडे अपना कर उपभोक्ताओं को ठगने वाली कंपनियों पर अब सरकार नकेल कसने वाली है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी 28 मई 2025 को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय हितधारक बैठक में ‘डार्क पैटर्न’ के बारे में चर्चा करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य, भ्रामक उपयोगकर्ता इंटरफेस डिजाइन की चुनौती से निपटने के लिए और अधिक प्रभावी समाधान तलाशना है।
सभी ईकाॅमर्स कंपनी लेंगी भाग
बैठक में खाद्य, यात्रा, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मेसी, खुदरा, वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में काम करने वाले सभी प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भाग लेंगे। इनमें से कुछ प्रमुख हितधारकों में अमेजन, फ्लिपकार्ट, ऐप्पल, बिगबास्केट, मीशो, मेटा, मेकमाईट्रिप, पेटीएम, ओला, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, स्विगी, जोमैटो, यात्रा, उबर, टाटा, ईजमाईट्रिप, क्लियर ट्रिप, इंडियामार्ट, इंडिगो एयरलाइंस, जिगो, जस्टडायल, मेडिका बाजार, नेटमेड्स, ओएनडीसी, थॉमस कुक और व्हाट्सएप शामिल हैं। यह सूची उपभोक्ता मामलों के विभाग की इस धारणा को पुष्ट करती है कि उपभोक्ता अधिकारों को आगे बढ़ाने और पारदर्शी, भरोसेमंद बाजार सुनिश्चित करने में उद्योग की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ-साथ, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन (वीसीओ) और अग्रणी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) भी इस बैठक में सक्रिय भागीदार होंगे। उनके विचार, शोध और विनियामक दृष्टिकोण, मजबूत और लागू करने योग्य समाधानों को आकार देने में सहायक साबित होंगे।
उपभोक्ता का विश्वास खत्म कर रहे डार्क पैटर्न
उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करने और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने उपभोक्ता मामले विभाग, डार्क पैटर्न यानी भ्रामक उपयोगकर्ता इंटरफेस डिजाइन के अनुचित व्यापार तरीके को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके जरिए उपभोक्ताओं को गलत विकल्प चुनने के लिए गुमराह किया जाता है। ये तरीके उपभोक्ता के विश्वास को खत्म करती हैं, निष्पक्ष बाजार गतिशीलता को विकृत करती हैं और डिजिटल कारोबार की अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
2023 से इन पर है नजर
विभाग ने ‘डार्क पैटर्न’ से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हितधारकों से व्यापक परामर्श के बाद, विभाग ने 30 नवंबर 2023 को डार्क पैटर्न की रोकथाम पर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। ई-कॉमर्स में 13 प्रमुख डार्क पैटर्न की पहचान की गई जिनमें झूठी तात्कालिकता, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, जबरन कार्रवाई, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफेरेंस, बैट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, प्रच्छन्न विज्ञापन, सता, ट्रिक प्रश्न, सास बिलिंग और रॉग मैलवेयर शामिल हैं।
आईआईटी छात्र से मदद
विभाग की अग्रणी पहलों में डार्क पैटर्न बस्टर हैकाथॉन 2023 शामिल है जिसे 26 अक्टूबर 2023 को आईआईटी (बीएचयू) के सहयोग से शुरू किया गया। इस राष्ट्रव्यापी नवाचार चुनौती ने आईआईटी, एनआईटी और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों और व्यक्तियों को डार्क पैटर्न का पता लगाने और उनसे लड़ने के लिए तकनीकी समाधान-ऐप, ब्राउजर एक्सटेंशन और एआई टूल-डिजाइन करने के लिए आमंत्रित किया। हैकाथॉन के परिणामों के आधार पर, विभाग ने आईआईटी (बीएचयू) के सहयोग से तीन शक्तिशाली उपभोक्ता संरक्षण ऐप विकसित किए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 पर लॉन्च किया गया।
विभाग ने व्यापक उपभोक्ता जागरूकता अभियान चलाए हैं और भ्रामक तरीकों की पहचान करने और उन्हें हतोत्साहित करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रूप से निगरानी की है। विभाग, ई-कॉमर्स में उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक समग्र और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, नीतिगत थिंक टैंक और उपभोक्ता संगठनों के साथ निरंतर संवाद में भी लगा हुआ है।
