क्षेत्र में 2,000 एकड़ का समूह स्थापित करेंगे और एक निजी उपग्रह निर्माण शुरू करेंगे। दूसरी ओर, हमने मांग की कि सैन्य और सिविल विमान, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र लेपाक्षी-मडकसिरा क्लस्टर में स्थापित किए जाएं, विसाका-अनाकपल्ली क्लस्टर में नौसेना प्रयोग केंद्र स्थापित किए जाएं, सैन्य ड्रोन, रोबोटिक्स, उन्नत रक्षा घटकों का निर्माण कुरनूल-ओर्वकल्लू क्लस्टर में किया जाए। तिरुपति आईआईटी में डीआरडीओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रखने का अनुरोध भी किया। सीएम ने कहा कि राजनाथ सिंह ने हमारे प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
नई दिल्ली। एपी सीएम चंद्रबाबू नायडु ने दिल्ली यात्रा के तहत शुक्रवार को सात केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य को वित्तीय सहायता के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। सीएम ने बाद में मीडिया से बात की।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अमित शाह विभाजन कानून में संशोधन कर अमरावती की राजधानी के रूप में पहचान दें। केंद्र सरकार की अनुमति मिलते ओरवाकलू क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग स्थापित करेंगे और केंद्र से राज्य को अंतरिक्ष परियोजनाओं को आवंटन की मांग की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पोलावाराम-बनकचरला का काम, 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसे करने में दस साल जाएंगे क्योंकि पिछली सरकार ने जो विनाश किया है उससे राज्य को उबरने में और राज्य के पुनर्निर्माण यह समय लगेगा।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर
सीएम ने कहा कि एक हरित ऊर्जा हब के रूप में एपी केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी जी से मुलाकात की। एपी में एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति लाने की योजना है। एपी एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति के तहत 72 गीगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन होना चाहिए। सीएम ने कहा कि हमने प्रहलाद जोशी से निवेदन किया कि 28,346 करोड़ का ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर दिया जाए। हरित ऊर्जा कॉरिडोर के निर्माण पर प्रहलाद जोशी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
35 लाख परिवारों को देंगे सूर्य घर
सीएम ने कहा कि हमने केंद्र से सूर्यघर लागू करने के लिए समर्थन करने का अनुरोध किया। हम सूर्यघर के तहत प्रदेश के 35 लाख परिवारों को सोलर रूफटॉप सुविधा उपलब्ध कराना चाहते थे। सूर्यघर के अंतर्गत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 10 हजार परिवारों को बिजली उपलब्ध कराएंगे। केंद्र ने कुसुम के तहत 2 हजार मेगावाट बिजली उत्पन्न करने की दी अनुमति दी है। इससे अब एपी ग्रीन एनर्जी हब बनेगा। हरित ऊर्जा के माध्यम से 24 घंटे शिक्षा की आपूर्ति संभव होगी।
मिसाइल और गोला-बारूद सुरक्षा का केंद्र
सीएम चंद्रबाबू नायडु ने कहा कि हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से मुलाकात की। सिन्दूर सफल ऑपरेशन होने पर बधाई दी। देश को हमारी सैन्य शक्ति पर गर्व है। हमने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि राज्य के जग्गयपेटा-डोलाकोंडा क्लस्टर में 6 हजार एकड़ जमीन उपलब्ध है। हम इस क्लस्टर को मिसाइल और गोला-बारूद सुरक्षा का केंद्र बनाना चाहते थे।
निजी उपग्रह निर्माण की चाह
अंतरिक्ष उद्योग के लिए श्रीहरिकोटा लांचिंग पैड है। हम उस क्षेत्र में 2,000 एकड़ का समूह स्थापित करेंगे और एक निजी उपग्रह निर्माण शुरू करेंगे। दूसरी ओर, हमने मांग की कि सैन्य और सिविल विमान, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र लेपाक्षी-मडकसिरा क्लस्टर में स्थापित किए जाएं, विसाका-अनाकपल्ली क्लस्टर में नौसेना प्रयोग केंद्र स्थापित किए जाएं, सैन्य ड्रोन, रोबोटिक्स, उन्नत रक्षा घटकों का निर्माण कुरनूल-ओर्वकल्लू क्लस्टर में किया जाए। तिरुपति आईआईटी में डीआरडीओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रखने का अनुरोध भी किया। सीएम ने कहा कि राजनाथ सिंह ने हमारे प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
’2027 तक हम पोलावाराम पूरा करेंगे
सीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2027 तक पोलावाराम को पूरा करके देश को समर्पित करने का है। मेरी इसी मुद्दे पर जल शक्ति मंत्री सी। आर. पाटिल के साथ चर्चा हुई। पोलावराम गति, गुणवत्ता में समझौता नहीं करेंगे। 400 करोड़ से बनी डायाफ्राम दीवार को पिछली सरकार ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। पिछले हुक्मरानों की लापरवाही से फिर रु. 980 करोड़ खर्च करके डायाफ्राम की दीवार बना रहे हैं। पोलावाराम-बनकचरला परियोजना के लिए भी रु. 80 हजार करोड़ खर्च होंगे। इस परियोजना के माध्यम से 200 टीएमसी को हटाया जा सकता है। इस परियोजना के कारण अन्य राज्यों को कोई परेशानी नहीं है। इसके खिलाफ कोई नहीं है।
अमरावती को राजधानी
सीएम ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 24 राज्यों के साथ शांति व्यवस्था की समीक्षा की। शांति एवं व्यवस्था को लेकर गृहमंत्री जी ने कुछ सुझाव दिए हैं। हमने अमित शाह से अनुरोध किया कि कानून में संशोधन कर अमरावती को राजधानी घोषित करें। पिछली सरकार के अनजाने फैसले से तीन राजधानियों के नाम पर जनता के भविष्य के साथ खेला गया है। इस अवसर पर मैंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि स्थानीय किसानों की इच्छा के अनुसार, अमरावती को राजधानी के रूप में मान्यता देते हुए कानून में संशोधन करें। इसके साथ ही आरडीटी मुद्दे को भी उनके ध्यान में लिया गया।
आर्थिक मदद मांगी
सीएम चंद्रबाबू ने कहा कि हमने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बताया है। वित्त मंत्री ने पूर्वोदय योजना को कुछ और धन प्रदान करने और पोलावाराम-बनकचरला परियोजना को आर्थिक रूप से समर्थन देने के हमारे प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उजड़ी हुई अवस्था को हवा में डालना
मुख्यमंत्री ने कहा कि दस साल लगेंगे प्रदेश को पिछले पांच सालों में हुए विनाश से उबरने में। हम वादा निभा रहे हैं। इतिहास में अभूतपूर्व सफलता दिलाने वाले लोगों को विकास और कल्याण प्रदान करने के उद्देश्य से हम एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं। अमरावती, पोलावाराम, विशाका स्टील प्लांट, रेलवे जोन का कार्य जारी है। प्रदेश में भारी निवेश आ रहा है। जिन किसानों ने पूंजी के लिए अपनी जमीन दी, उनके साथ न्याय करेंगे। 29 हजार किसानों का 34 हजार एकड़ जमीन देना बड़ी बात है।
