दुर्ग। बुधवार को शाम 7.30 बजते ही दुर्ग शहर में आपातकाल से लड़ने के लिए माॅक ड्रिल किया गया। जोर के आवाज में सायरन बजी और पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। घरों, दुकानों, आफिसों के सारी बत्तियां और इलेक्ट्रानिक उपकरण बंद कर दी गईं। सड़क पर चलने वाले लोगों ने भी सयारन की आवाज सुन कर अपनी वाहने रोक और हेडलाइट और बैकलाइट बंद कर दीं। अपातकालिन स्थिति से बचने के लिए 15 मिनट के इस माॅक ड्रिल में 7.45 तक बत्तियां बंद रखी गईं।
सड़क पर लेट गए लोग
मॉक ड्रिल की शुरुआत शाम 4 बजे सेक्टर-6 स्थित पेट्रोल पंप के सामने सायरन बजाकर की गई। इसके बाद पुलिस अधिकारी, वॉलेंटियर्स और एनसीसी कैडेट्स मुख्य चैक-चैराहों पर लेट गए, ताकि आम लोगों को आपदा के दौरान सही प्रतिक्रिया की जानकारी दी जा सकें।
सूर्या मॉल में गिरया गया बम
मॉकड्रिल अभ्यास के दौरान भिलाई के सूर्या मॉल में बम गिराकर बताया गया कि अपातकाल में लोगों को इसका किस तरह से सामना करना है। इस दौरान अभ्यास में दिखाया गया कि बम धमाके में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर कैसे बचाया जाना चाहिए। दुर्ग-भिलाई के सभी नागरिकों बहुत खूबसूरती से माॅक ड्रिल में शामिल होकर अपनी देशभक्ति और सूझ-बूझ का परिचय दिया। इस दौरान कई काॅलोनीवासियों और व्यवसायियों ने आगे आकर अन्य लोगों को भी माॅक ड्रिल का पालन करने की चेतावनी दी।
