तिरुपति। हमारे देश में जहां कई राज्य कचरा प्रबंधन को लेकर परेशान हैं। आंध्र-प्रदेश का तिरुपति नगर निगम देश के अन्य नगर-निगमों के सामने बेहतर प्रबंधन का उदाहरण देने को अग्रसर है। 17 अप्रैल को यहां 16वें वित्तीय आयोग की टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान तिरुपति नगर निगम ने कचरा प्रबंधन को लेकर अपनी आगामी योजनाओं के बारे में टीम को अवगत कराया।
प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्री को बचेंगे
ठोस कचरा प्रबंधन प्रसंस्करण इकाई ने बताया कि वह कैसे गीले और सूखे कचरे से सूखा कचरा अलग करती है। प्रबंधन ने बताया कि रोजाना आने वाले प्लास्टिक कचरों को वह सीमेंट फैक्ट्री को बेचेगी।
कम्पोस्ट से कमाएंगे पैसे
गीले कचरे को कम्पोस्ट उर्वरक किसानों और पार्कों को बेचेगी। इसके अलावा उनकी टीम शहर के बाजार, होटल से इकट्ठा किये गए कचरे को खाना पकाने की गैस बनाकर बेचने की प्रक्रिया पर काम कर रही है।
शहर में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले लगभग 25 टन भवन निर्माण के कचरे को छह प्रकार की रेत में बदला जाएगा। इस उत्पादित रेत से पावर उत्पन्न की जाएगी। बताया जा रहा है कि 150 टन गीला कचरा और 75 टन सूखा कचरा प्रतिदिन निपटाया जाएगा। यह भी बताया गया कि उपचारित कचरे को पानी उद्योगों को बेचा जाएगा।
श्रीकलाहस्तीे के आरडीओ भानु प्रकाश रेड्डी, अतिरिक्त आयुक्त चरण तेज रेड्डी, अधीक्षक इंजीनियर श्यामसुंदर, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. युवा अन्वेश, सेना अधिकारी और अन्य इस कार्यक्रम में भाग लिया।
16वें वित्त आयोग टीम के सदस्य ऋत्विक पाण्डेय, ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, केके मिश्रा, अभय मेनन, आदित्य पंत, अमृता और अन्य ने गुरुवार सुबह तुकीवकम नंदली तिरुपति नगर निगम द्वारा संचालित एकीकृत ठोस वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (वेस्ट टू वेल्थ सेंटर) का निरीक्षण किया गया।
प्रधान सचिव नगर पालिका प्रशासन व नगर विकास सुरेश कुमार जे. निवास ने तिरुपति कलेक्टर डॉ. वेंकटेश्वर एस, तिरुपति नगर आयुक्त मौर्य की उपस्थिति में टीम को ठोस वेस्ट मैनेजमेंट, गीले वेस्ट मैनेजमेंट कम्पोस्ट, बायो, मेथनाइजेशन प्लांट, भवन निर्माण वेस्ट मैनेजमेंट व अन्य इकाईयों के बारे में बताया।
