न्यूज डेस्क। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण तिथी मानी जाती है।
कभी समाप्त न होने वाले अक्षय की प्राप्ति के लिए इस दिन सोना, चांदी, अनाज, घड़े आदि खरीदने की परम्परा हजारों सालों से चली आ रही है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी साथ ही कुबरे देवता की पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी कहा जाता हैं। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 29 अप्रैल को शाम 5बजकर31 मिनट से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2बजकर 31 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।
स्नान दान पुण्य
अक्षय तृतीया के दिन स्नान-दान- पुण्य का भी काफी महत्व होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों को तर्पण भी दिया जाता है। इसके साथ ही अनाज, दूध, दही, गन्ना, आम, चने की दाल या सत्तू, घड़ों और बांस के बने पंखों के दान का विशेष महत्व माना गया है।
