डेस्क न्यूज। गन्ने से बनी चीनी के बारे में आप सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपने चुकंदर से बनने वाली चीनी के बारे में सुना है। यूरोपिय देशों में सफेद रंग के चुकंदर से चीनी बनाई जाती है। चुकंदर में शर्करा की मात्रा गन्ने की अपेक्षा डेढ़ गुना अधिक होती है। इसकी फसल भी जल्दी तैयार हो जाने के कारण यूक्रेन जैसे कई यूरोपिय देशों में चुकंदर की चीनी बनाई जाती है।
भारत में चुकंदर की खेती 1974 में शुरू की गई थी। भारत में ज्यादातर सलाद और सब्जी में इसका उपयोग होता है। भारत में उगने वाले चुकंदर का रंग लाल होता है। यूरोपिय देशों में उगाया जाने वाला चुकंदर सफेद रंग का होता है। जिसकी जड़ में 15 से 16 प्रतिशत शर्करा मौजूद होती है। शक्कर के लिए उपयोग होने के बाद चुकंदर के गूदे का उपयोग ग्लिसरीन, लैक्टीक एसिड, एसीटोन, ब्यूलूटाइल एल्कोहल और एंटीबॉयोटिक बनाने में किया जाता है।
हमारे देश में चुकंदर से चीनी बनाए जाने को लेकर फिलहाल शोध किया जा रहा है। एक न्यूज में प्रकाशित खबर के अनुसार, इसके लिए मध्य-प्रदेश के ग्वालियर शहर राजमाता विजया राजे सिंधिया विश्वविद्यालय में जर्मनी से आए वैज्ञानिक इस शोध कार्य में लगे हुए हैं। इस शोध के लिए डेनमार्क और श्रीनगर से बीज मंगाए गए हैं। इस शोध का मुख्य उद्देश्य कम पानी में उगने वाली और अधिक चीनी का उत्पादन करने वाली फसल तैयार करना है।
गन्ने के विकल्प में चुकुंदर की चीनी का उपयोग करना शरीर के लिए उतना उपयोगी नहीं है, क्योंकि दोनों में सुक्रोज की मात्रा अधिक होती है। इसका ज्यादा सेवन करना हानिकारक होता है। इसलिए दोनों के रसायनिक निर्माण के परिदृश्य को देखा जाए तो दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है। गन्ने की चीनी के विकल्प में चुकुंदर की चीनी का उपयोग खाद्य पदार्थों के लिए सहयोगी भी नहीं माना जाता है। गन्ने की चीनी का स्वाद फलों वाला और मीठा होता है। इसका रंग सफेद होता हैं। गन्ने की चीनी चिपचिपी होती है। वहीं चुकुंदर की चीनी रंग में गहरी, भुरभुरी, जले हुए स्वाद वाली होती है।
