न्यूज डेस्क। कर्नाटक सरकार ने राज्य में श्रीसन फार्मा और केसन्स फार्मा द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है।.बेंगलुरु, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से 12 बच्चों की मौत के बाद इस मामले को लेकर सभी राज्य सरकारें एक्शन मोड पर हैं।
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप और कर्नाटक के जयपुर स्थित केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इन कफ सिरपों की खरीद-बिक्री को लेकर जंाच के आदेश दिए गए है। तमिननाडु सरकार ने इसके साथ ही समान मिश्रण वाले विभिन्न कफ सिरपों की भी जांच के आदेश दिए हैं। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में जिन कफ सिरप से मौतें हुई हैं, उनकी आपूर्ति राज्य में नहीं हुई है। फिर भी विभाग सभी कफ सिरप के नमूनों की जाँच के आदेश दिए हैं।
गुंडूराव ने कहा कि उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर मिलावटी और अत्यधिक मात्रा में मिलने वाली दवाओं और औषधियों के बारे में राज्यों के बीच सूचना साझा करने और उनकी जाँच सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र बनाना चाहिए।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत का सिलसिला एक माह चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की मौतों का आकड़ा बढ़ने के बाद सरकार की आंखें खुलीं। छिंदवाड़ा जिले के बड़कुही, जाठाछापर, उमरेठ और परासिया इलाकों में छोटे बच्चों को सर्दी और खांसी-बुखार आया। डॉक्टर ने बच्चों को जो दवा दी, उसमें कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस कफ सिरप लेने के बाद बच्चों को सर्दी-जुकाम ठीक हो गया। बुखार भी नहीं आया, लेकिन पेशाब बंद हो गई। बाद में बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया गया तो इनमें किडनी इंफेक्शन पाया गया। किडनी फेल से कई बच्चों ने अपनी जान गंवा दी।
छिंदवाड़ा जिले में 14 बच्चे, बैतूल में दो बच्चे कफ सिरप से दम तोड़ चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बैतूल के आमला ब्लॉक में मृत बच्चों की मौत से आहत परिजन ने आरोप लगाया कि डाॅक्टर ने ही उनके बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखा था, जिसकी वजह से उनकी तबीयत और खराब हो गई।
तमिलनाडु में मौत के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने इन कफ सिरप को बैन करने में इतना समय क्यों लिया यह सवालों के घेरे में है। कफ सिरप के पीछे कौन है जिसे बचाया जा रहा, क्या इसकी जांच निश्पक्ष रूप से हो पाएगी। मासूमों की मौत और बिलखते परिजनों को इंसाफ मिल पाएगा यह कह पाना मुश्किल है।
छिंदवाड़ा कलेक्टर ने डॉक्टरों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है कि किसी भी बच्चे को अगर सर्दी जुकाम और बुखार हो तो बिना जांच के कफ सिरप और कांबिनेशन वाले सिरप न दें।
