take THE HINDU


न्यूज डेस्क। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र बीटीआर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य की सुरक्षा के लिए लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहां कि लोगों को बेदखल किए गए लोगों को आश्रय नहीं देना चाहिए। अगर वह ऐसा करते हैं तो हमारे लोगों की स्थिति जो बेदखली और अन्य उपायों के माध्यम से सुधरी है वह फिर से जहरीली हो जाएगी।
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, बेदखल किए गए लोग राज्य के अन्य हिस्सों में बस जाएँगे के सवाल पर सरमा ने कहा कि हमारे लोग अब सचेत हो गए हैं। मुझे नहीं लगता कि वे ज्यादा सहयोग करेंगे। अतिक्रमणकारियों को वहीं लौट जाना चाहिए जहाँ से वे आए थे और सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 29 लाख बीघा 9ण्5 लाख एकड़ से ज्यादा, जमीन अभी भी अतिक्रमण के अधीन है। अभी बहुत काम किया जाना बाकी है और अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम इसे कर पाएँगे और अपने समुदाय की रक्षा कर पाएँगे।
उन्होंने कहा कि कोई नगा आक्रामकता नहीं है। नगा लोगों और सरकार ने बेदखली में हमारी मदद की है।
सरमा ने कहा कि हमारे जंगलों को सुपारी के बागानों और मछली पालन में बदलकर वे हमें परेशान कर रहे हैं। लव जिहाद, भूमि जिहाद हमारे साथ हो रहा है। हमें रोना चाहिए, लेकिन वे आँसू बहा रहे हैं।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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