New Delhi| महाराष्ट्र सरकार के उपक्रम संत रोहिदास चमड़ा उद्योग एवं चर्मकार विकास निगम लिमिटेड (LIDCOM) और डॉ. बाबू जगजीवन राम चमड़ा उद्योग विकास निगम लिमिटेड (LIDKAR), बेंगलुरु, कर्नाटक द्वारा कोल्हापुरी चप्पल को जुलाई 2019 में केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु की सहायता से भौगोलिक संकेत (GI) के अंतर्गत पंजीकृत किया गया था। इसलिए, महाराष्ट्र के GI कारीगरों के समर्थन में संबंधित एजेंसी द्वारा इस मामले को उठाया गया है।

पारंपरिक डिज़ाइनों के उल्लंघन से बचाने के लिए, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के अनुसंधान एवं विकास घटक के अंतर्गत पारंपरिक शिल्पों के जीआई पंजीकरण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह कारीगरों को जीआई पंजीकरण और अधिकृत उपयोगकर्ता के रूप में इसके उपयोग के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यशाला/सेमिनार भी आयोजित करता है। एनएचडीपी योजना के विपणन घटक के अंतर्गत, उपभोक्ताओं को लोकप्रिय बनाने और शिक्षित करने के लिए समय-समय पर जीआई थीम मंडप के साथ विपणन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

ऐसे कारीगरों के उत्पाद की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में शिल्प प्रदर्शन कार्यक्रमों को क्रियान्वित करता है, निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) को सहायता प्रदान करता है, डिजाइन और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करता है, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में जीआई-टैग शिल्प को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग और ई-कॉमर्स सक्षमता की सुविधा प्रदान करता है।

यह जानकारी कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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