नई दिल्ली (डेस्क न्यूज़)। अंतरराष्ट्रीय मंच दिल्ली-NCR के वायु प्रदूषण की भी चर्चा हो रही है। दिल्ली का बढ़ता वायु प्रदूषण अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में एक अहम मुद्दा बन चुका है। एनसीआर समेत देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा है। सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI 1000 के पार पहुंच गया। देश के कई शहरों पटना में आज AQI 350 दर्ज किया गया। वहीं, लखनऊ में वायु प्रदूषण स्तर 321 तक पहुंच चुका है।
अज़रबैजान की राजधानी बाकू में पर्यावरण को लेकर आयोजित COP29 समिट में दिल्ली की जहरीली हवा पर चर्चा हुई।पर्यावरण विशेषज्ञों ने दिल्ली के प्रदूषण पर ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि प्रयासों को लेकर भी बात की। विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर बात की और तत्काल ग्लोबल एक्शन लेने का आह्वान किया है।
क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा कि प्रदूषण का कोई एक वजह इस संकट के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। ब्लैक कार्बन, ओजोन, जीवाश्म ईंधन जलाने और खेतों में आग लगाने से निकलने वाला धुओं की वजह से दिल्ली-NCR सहित देशभर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है। सर्दी की वजह से हवा में प्रदूषण ज्यादा वक्त तक रहता है। हवा की रफ्तार भी काफी धीमी हो गई है। ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ एलायंस के उपाध्यक्ष कर्टनी हॉवर्ड ने भी वायु प्रदूषण पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि साल 2023 में कनाडा की जंगल में लगी आग को बुझाना एक चुनौती से कम नहीं थी। प्रदूषण से निपटना कनाडा जैसे अमीर देशों के लिए भी मुश्किल है। हमें आपदाओं से निपटने के लिए गरीब देशों की वित्तीय मदद करने की जरूरत है।ब्रीथ मंगोलिया के को-फाउंडर एनखुन ब्याम्बादोर्ज ने प्रदूषण की वजह से बच्चों के फेफड़ों पर हो रहे नुकसान पर चिंता जताई। कार्यक्रम में प्रस्तुत रिर्पोट के अनुसार 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण की वजह से करीब 80 लाख लोगों की मौत हो गई जिसमे भारत से ही 21 लाख लोगों की जान चली गई।
प्रदूषण से निपटने सक्रियता जरूरी
भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव नरेश पाल गंगवार ने COP29 के दौरान देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से सीमाओं के पार वायु प्रदूषण को प्रबंधित करने और कम करने के लिए सक्रिय, सहयोगात्मक कदम उठाने की जरूरत है।