new delhi| देश में सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने और ज़मीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों के सहयोग से डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) की स्थापना की जाएगी।

इसके साथ ही राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) आदि सहित भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से अगले पांच वर्षों में देश की सभी पंचायतों/गांवों को कवर करते हुए 2 लाख नई बहुउद्देशीय पैक्स (एम-पैक्स), डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की भी स्थापना की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन भारत सरकार की मौजूदा योजनाओं के स्वीकृत परिव्यय का उपयोग करके किया जा रहा है, जिन्हें पैक्स स्तर पर अभिसरित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, 15 फरवरी 2023 को योजना के अनुमोदन के बाद से 30 जून 2025 तक देशभर में कुल 22,606 नई पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां रजिस्टर्ड की गई हैं।

योजना के प्रभावी और समय पर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, सहकारिता मंत्रालय ने नाबार्ड, एनडीडीबी और एनएफडीबी के साथ समन्वय में 19 सितंबर 2024 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (मार्गदर्शिका) शुरू की है, जिसमें लक्ष्य, समयसीमा और सभी संबंधित हितधारकों की भूमिका और जिम्मेदारियां दर्शाई गई हैं।

मार्गदर्शिका के अनुसार, आंध्र प्रदेश राज्य में कुल 4,188 पैक्स, 9,149 डेयरी और 200 मत्स्य सहकारी समितियां गठित की जानी हैं। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, योजना के अनुमोदन के बाद से 30 जून 2025 तक कृष्णा जिले में 5 सहित 891 डेयरी सहकारी समितियां (डीसीएस) और 2 मत्स्य सहकारी समितियां आंध्र प्रदेश राज्य में रजिस्टर्ड हो चुकी हैं।

यह जानकारी सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में दी।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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