मउगंज। एमपी के मउगंज में एक सरकारी कार्यक्रम में जलपान और गद्दे चादर के नाम पर 10 लाख का बिल लगाने का फर्जी मामला सामने आया है। जल गंगा संवर्धन के 40 मिनट के इस कार्यक्रम के लिए अधिकारियों द्वारा इतने रुपए खर्च किए गए हैं। इस कार्यक्रम में मंत्री प्रहलाद पटेल सिर्फ 40 मिनट ही रूके।
इस दौरान जारी वीडियो में देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यवस्था कैसी थी। ऐसे में 10 लाख का बिल अधिकारियों के घोटाले को पूरी तरह उजागर कर रहा है। शहडोल के ड्राइफ्रूट कांड के बाद अब ये घोटाला लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लेखपाल ने सीईओ रामकुशल शर्मा पर आरोप लगाया है कि उसने जबरन डीएससी, मोबाइल छीनकर इस भ्रष्टाचार का बिल बनाया।
खैरा ग्राम में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशासन की बिल के अनुसार, प्रदीप इंटरप्राइजेस नामक कंपनी को यह भुगतान किया गया है, जो कि क्षेत्र में अस्तित्व में ही नहीं है। इसे मिठाई, टैंट, गद्दे चादर का भुगतान किया गया है। मंत्री के भूमिपूजन कार्यक्रम में गद्दे चादर लगाकर यह फर्जी बिल अफसरों द्वारा लगाया गया है। जबकि इस कार्यक्रम के वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि यहां कोई गद्दे चादर नहीं बिछे। फिर अफसरों द्वारा किस बात के 10 के गद्दे चादर बिछाए गए यह जांच का विषय बन गया हं इसे लेकर डीएम ने जंाच के आदेश दे रहे हैं।


