पवन कल्याण ने कहा कि आज लोगों को सभ्यता की आड़ में अंग्रेजी हमारी लगती है। आज दक्षिण भारतीय भाषा की फिल्में भी हिन्दी अनुवाद कर अच्छी कमाई कर रही हैं। हिन्दी से दक्षिणी फिल्म उद्योग को भी राजस्व मिलेगा।
हैदराबाद। आंध्र-प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हिंदी को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है। शुक्रवार को हैदराबाद के गाचीबोली के बालयोगी स्टेडियम में राज्यभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए उन्होंने लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला खान विभाग मंत्री जी एस किशन रेड्डी, राज्यसभा उपाध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह भी उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासियों को राजा भाषा स्वर्णोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारा देश विभिन्न संस्कृति और परंपराओं का संग्रह है। हम जिस पानी को पीते हैं उसका स्वाद हर किलोमीटर के साथ बदल जाता है, वो भाषा हर कदम के साथ बदल जाती है। उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में 50 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। ये सब हिंदी को एक आम भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ब्रिटिश शासन के समय यूरोपीय महाद्वीप से कई मिशनरी तेलुगु राज्यों में आ चुके हैं। तेलुगु भाषा के जनक गिदुगु राममूर्ति पंतुलु ने सावरा सीखा जो उत्तर आंध्र की आदिवासी भाषा है और उस भाषा में उनके धार्मिक पुस्तकों का अनुवाद किया। विदेशी हमारी भाषाओं को सीखने में रुचि रखते हैं।
नौकरियों और व्यवसायों के लिए वह अन्य देशों की यात्रा करते हुए वहां की भाषाओं को सीखना चाहते हैं और एक हम अपने देश की हिंदी भाषा सीखने से डरते हैं। हम हिंदी सीखने के लिए क्यों छुप रहे हैं? हम हिंदी से नफरत क्यों करते हैं? किसी को हिंदी सीखने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे कोई भी आसानी से समझ सकता है। हम हिंदी का प्रयोग नौकरी में मुनाफा और सोशल मीडिया में लोकप्रिय होने के लिए करते हैं। हिंदी से लाभ उठाते हुए हम इसे बेहिचक प्रयोग करते हैं। क्षुद्र राजनीति के लिए कुछ लोग हिंदी का विरोध करते हैं।
पवन कल्याण ने कहा कि आज लोगों को सभ्यता की आड़ में अंग्रेजी हमारी लगती है। हिंदी हमारी नहीं लगती। एक बंगाली गाना राष्ट्रीय गान बन गया है। भारत के लिए लड़ने के प्रेरणास्त्रोत बने पंजाबी भगत सिंह, राजस्थान के महाराणा प्रताप देश के लिए लड़े। डॉ अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल मैन बने। शिक्षा, चिकित्सा और व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए, हम सभी भाषाओं और मंडलों को जीतते हुए दूर जा रहे हैं। हिंदी का विरोध करना इस समय आने वाली पीढ़ियों के विकास को ही सीमित करना होगा। हिंदी सीखने से हम अपना अस्तित्व नहीं खो रह हैं, बल्कि हमारे अस्तित्व में और अधिक ताकत जुड़ रही है। किसी अन्य भाषा को स्वीकार करना एक विफलता नहीं है। हिंदी का राज भाषा होना एक वशीकरण नहीं, यह एक जोड़ है। अंग्रेजी भाषा को जोड़ कर हमने आईटी क्षेत्र में विकास हासिल की है। देश की तीसरी सबसे ऊंची भाषा सीखने से फायदा होगा यह बात करना मूर्खता है। फारसी और उर्दू भाषाओं को स्वीकार कर हिंदी का विरोध हो रहा है।

पवन कल्याण ने कहा कि आज दक्षिण भारतीय भाषा की फिल्में भी हिन्दी अनुवाद कर अच्छी कमाई कर रही हैं। हिन्दी से दक्षिणी फिल्म उद्योग को भी राजस्व मिलेगा। हम व्यापार में भी अग्रसर होंगे। सीखने की इच्छा न करने की प्रवृत्ति उपयुक्त नहीं है। मैं खुश हूं, क्योंकि मैं हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और प्रतिबद्धता दिखाता हूं। उन्होंने कहा कि अगर मातृभाषा तेलुगु है, तो हिन्दी पेदम्मा है। यानि मैंने यह कहने की कोशिश की कि मुख्य भाषा हिंदी है।
