दतेवाड़ा| छत्तीसगढ़ में बुधवार को १२ नक्सलियों ने सरेंडर किया। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे वर्राटू (घर वापसी) अभियान में यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलियों के सरेंडर के साथ ये आंकड़ा 1000 के पार हो गया है। 5 साल में 249 इनामी नक्सलियों के साथ 1005 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का फैसला लिया है।
30 वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय माओवादी चंद्रन्ना पुनेम तारलागुड़ा, जांगला, बिरियाभूमि, तड़केल, हिंगुम, तिमेनार, पोर्रोवाड़ा और कोरचोली के जंगल में हुई मुठभेड़ और बारूदी सुरंग विस्फोट जैसे बड़ी घटनाओं में शामिल था| वहीं नक्सली देवा कवासी के खिलाफ पुलिस शिविर और पुलिस दल पर गोलीबारी करने का आरोप है । इन नक्सलियों पर नक्सली बंद के दौरान सड़क खोदने, पेड़ काटने, नक्सली बैनर, पोस्टर लगाने जैसी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है| उन्हें अन्य सुविधाएं जैसे कौशल विकास और कृषि हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
