राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें ओडिशा के रायगढ़ जिले में अनुसूचित जनजाति (एससी) समुदाय की एक युवती के अनुसूचित जाति (एसटी) के व्यक्ति से विवाह के बाद उसके परिवार को ग्रामीणों द्वारा सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने मांग की कि अगर महिला का परिवार समुदाय में उसे वापस पाना चाहता है तो एक शुद्धिकरण अनुष्ठान से गुजरना होगा। ग्रामीणों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने अनुष्ठान का पालन नहीं किया तो उन्हें अनिश्चितकालीन बहिष्कार का सामना करना होगा।

आयोग ने पाया है कि अगर समाचार रिपोर्ट की सामग्री सच है तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। इसलिए आयोग ने ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

अभी हाल ही में 21 जून, 2025 को मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार महिला के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर ग्रामीणों के सामने घुटने टेक दिए और अनुष्ठान के तहत उसके परिवार के 40 सदस्यों के सिर मुंडवा दिए गए।

ओडिशा के रायगढ़ जिले के बैगनागुड़ा गांव में एसटी की युवती के एससी के युवक से प्रेम विवाह पर उसके परिवार के 40 सदस्यों को सिर मुंडवाना पड़ा। इसका पूरा खर्च परिवार ने वहन किया। गांव वालों ने परिवार को अस्थायी तौर पर बहिष्कृत कर दिया। गांव वालों के दबाव में आकर परिवार ने अनुष्ठान के मुताबिक स्थानीय देवता के सामने पशु बलि दी। सामूहिक मुंडन समारोह हुआ। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें परिवार के सदस्य सिर मुंडवाकर खेत में बैठे हैं।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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