
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने उपभोक्ता मामले, गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के साथ समझौते के बाद यह निर्णय लिया है कि अब Online साइटों में बिना अनुमति के वॉकी -टॉकी या रेडियो उपकरण नहीं बेचे जा सकेंगे। दिशा निर्देश 2025 के अनुसार, ईकॉमर्स साइट्स बिना अनुमति के अवैध रूप से ऐसे उपकरणों को अपनी साइट पर लिस्ट कर नहीं बेच सकेंगी। ऐसे उपकरणों को बेचने वाले व्यापारियों को अपने उपकरण में इसकी आवृत्ति बैंड की रेंज के बारे में सभी जानकारी उपभोक्ताओं को स्पष्ट रूप से देनी होगी।
यह निर्णय वायरलेस उपकरणों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए लिया गया है। विभाग का मानना है कि ऐसे उपकरण जहां उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सेंध लगा सकते हैं वही उपभोक्ताओं के उनके कानूनी अधिकारों की सीमाओं के प्रति गुमराह कर सकते हैं। इसके अलावा यह महत्वपूर्ण संचार नेटवर्क में भी बाधा उत्पन्न करते हैं।
विभाग ने कहा है कि ई काॅमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं को वॉकी टॉकी और वायरलेस उपकरण बेचने से पहले उन्हें उनके कानूनी अधिकारों से अवगत नहीं करा रही हैं।
विभाग ने कहा है कि केवल अधिकृत और उचित आवृत्ति तक के ही वॉकी टॉकी को ईकॉमर्स प्लेटफार्म पर बेचने की अनुमति हेागी।
इन सबके बारे में ईकाॅमर्स कंपनियों को अपने उपकरण में जानकारी देनी होगी।
आवृत्ति रेंज में विवरणों की चूक उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने के मामले में दिग्भ्रमित करती है कि उपकरण को आम जनता द्वारा स्वतंत्र रूप से संचालित किया जा सकता है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत इन नियमों का पालन नहीं करने वालों के लिए दंड भी निर्धारित किया गया|
दिशानिर्देशों के साथ, विभाग का लक्ष्य है:
- ऐसे उत्पादों को सूचीबद्ध करने से पहले प्लेटफार्मों द्वारा उचित जानकारी सुनिश्चित करना|
- विक्रेता की साख और प्रमाणीकरण का सत्यापन अनिवार्य करना|
- अनधिकृत लिस्टिंग के लिए स्वचालित निगरानी और निष्कासन तंत्र लागू करना|
- उचित जानकारी के माध्यम से उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ावा देना|
- अनुपालन न करने की स्थिति में दंड और प्लेटफ़ॉर्म दायित्व लागू करना|
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने पहले 16,970 उत्पाद लिस्टिंग के खिलाफ प्रमुख डिजिटल मार्केटप्लेस को तेरह नोटिस जारी किए थे, जिसमें उचित फ्रीक्वेंसी की जानकारी, लाइसेंसिंग जानकारी या उपकरण प्रकार अनुमोदन (ईटीए) के बिना ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर वॉकी-टॉकी की लिस्टिंग और बिक्री के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे, जिससे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन हुआ। दिशानिर्देशों की अधिसूचना के अलावा, ये प्लेटफॉर्म निरंतर निगरानी और जांच के अधीन हैं|
