अमरावती|. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने असमय बारिश के कारण किसानों को मुआवजा देने के अधिकारियों को आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर किसान जिसने फसल खोयी है उसका तुरंत आकलन किया जाए और सरकार से मुआवजा मिले। इसके अलावा बिजली गिरने से मारे गए 8 पीड़ितों के परिवारों को तत्काल मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए। सीएम चंद्रबाबू ने प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश पर कृषि एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ सचिवालय में समीक्षा की। जिला कलेक्टरों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस समीक्षा में भाग लिया। सीएम ने बारिश प्रभावित जिलों में हुई फसल व जनहानि के बारे में पूछा। कलेक्टरों ने सीएमके को जिलों में हो रही असमय बारिश और वर्तमान हालात के बारे में बताया।
इस अवसर पर सीएम चंद्रबाबू ने कलेक्टरों और अधिकारियों ने जनता को अलर्ट करने की सलाह दी है क्योंकि राज्य के कई जिलों में अभी भी बारिश का पूर्वानुमान है। बिना किसी जान हानि के कार्यवाही होनी चाहिए। अधिकारियों ने आपदा के समय मानवता के साथ काम करने का सुझाव दिया है। जो लोग आस-पास होते हैं, जब तूफान के दौरान लोगों के मोबाइल पर संदेश नहीं आते हैं, उन्हें सीधे और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इस हिसाब से सचिवालय के कर्मचारी तैयार रहें। बिजली गिरने से मरने वाले जानवरो को शर्तों के अनुसार तुरंत मुआवजा छोड़ा जाना चाहिए। जिलों की स्थिति के अनुसार कलेक्टरों ने निचले स्तर के अधिकारियों के साथ समन्वय करने का सुझाव दिया है।
2,224 हेक्टेयर में चावल की फसल का नुकसान
असमय बारिश से प्रदेश में 2,224 हेक्टेयर चावल व मक्के की फसल क्षतिग्रस्त हुई अधिकारियों ने सीएम को समझाया। इस वजह से मुख्यमंत्री को प्रारंभिक अनुमान रिपोर्ट सौंपी गई। मुख्य रूप से पश्चिम गोदावरी, नंद्याला, काकीनाडा, सत्यसाई जिले में इन फसलों को नुकसान पहुंचा। पश्चिमी गोदावरी जिले के 15 मंडलों में 1,033 हेक्टेयर धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। अधिकारियों ने बताया कि नंदयाला जिले में 641 हेक्टेयर, काकीनाडा जिले में 530 हेक्टेयर और सत्यसाई जिले में 20 हेक्टेयर में चावल की फसल क्षतिग्रस्त हुई है।
*138 हेक्टेयर में बगीचे की फसलों को नुकसान
अधिकारियों ने प्रदेश में असमय बारिश से क्षतिग्रस्त बागवानी फसलों का ब्यौरा बताया। केला, पपीता, आम और बगीचे की अन्य फसलें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इसमें आम और केला की अधिकतर फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रदेश भर में सभी 138 हेक्टेयर बगीचे की फसलें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया है कि कृष्णा, एलुरु, काकीनाडा, एनटीआर, तिरुपति, नंद्याला, पश्चिम गोदावरी जिलों में बगीचे के वन फसलों को नुकसान हुआ है।
अनाज खरीदने के लिए ना कहने की जरूरत नहीं है
सिविल आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव सौरभ गौर ने सीएम को समझाया रबी में 20 लाख मेट्रिक टन अनाज खरीदने का लक्ष्य बताया जा रहा है कि 13 लाख मेट्रिक टन अनाज पहले ही खरीदा जा चुका है। कहा जा रहा है बारिश के लिए रंग बदले हुए अनाज खरीदने के लिए कदम उठाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों द्वारा ठुकराने वाला अनाज किन परिस्थितियों में खरीदा जाए यह स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि जितनी फसल आनी चाहिए उससे ज्यादा है तो वे केंद्र से बात कर खरीद के लिए कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी किसान ने उनसे अनाज नहीं खरीदा है, उनका उत्पादन नहीं होना चाहिए।
