तिरुवनंतपुरअम। केरल के तिरुवनंतपुरम में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम विजिजंम अतंरराष्ट्रीय बंदरगाह राष्ट्र के नाम समर्पित किया। मलयालम भाषा में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आदि शंकराचार्य का जन्म दिवस हैं। मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखंड में मुझे उनकी प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला था। राष्ट्र की चेतना को जागृत करने वाली महान हस्ती को मैं नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि केरल विशाल समुद्र के साथ अदभुत सौन्दर्य का मिश्रण है। इसमें विझिजंम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह न्यू ऐज डेवलपमेंट का सिंबल बनेगा। इस सी पोर्ट को 8 हजार 8 सौ करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इसकी क्षमता 3 गुनी होने से यहां दुनिया के सबसे बड़े मालवालक आसानी से आ सकेंगे। 75 प्रतिशंत ट्रांस शिपमेंट भारत के बाहर के पोर्ट्स से होता था, लेकिन अब यह इस बंदरगाह से होने रेवन्यु लॉस में कमी आएगी इससे बचा पैसा केरल के इकॉनोमी ग्रोथ में काम आएगा। इस पोर्ट को अदानी ने बनाया है। वह गुजरात में 30 सालों से पोर्ट क्षेत्र पर काम कर रहे हैं लेकिन इतना बढ़िया पोर्ट वहां नहीं है।
प्रधानमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री से कहा कि आप इंडी एलायंस के मजबूत पिलर है। यहां शशि थरूर भी उपस्थित हैं। आज का यह इवेंट लोगों की नींद हराम कर देगा। वहां मैसेज चला जाएगा जहां जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोर्ट इकोनॉमी की पूरे potential का इस्तेमाल तब होता है, जब इंफ्रास्ट्रक्चर और ease of doing business, दोनों को बढ़ावा मिले। पिछले 10 वर्षों में यही भारत सरकार की पोर्ट और वॉटरवेज पॉलिसी का ब्लूप्रिंट रहा है। हमने इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज़ और राज्य के होलिस्टिक विकास के लिए तेजी से काम आगे बढ़ाया है। भारत सरकार ने, राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया है, पोर्ट कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया है। पीएम-गतिशक्ति के तहत वॉटरवेज, रेलवेज, हाइवेज और एयरवेज की inter-connectivity को तेज गति से बेहतर बनाया जा रहा है। Ease of doing business के लिए जो reforms किए गए हैं, उससे पोर्ट्स और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी इनवेस्टमेंट बढ़ा है। Indian seafarers, उनसे जुड़े नियमों में भी भारत सरकार ने Reforms किए हैं। और इसके परिणाम भी देश देख रहा है। 2014 में Indian seafarers की संख्या सवा लाख से भी कम थी। अब इनकी संख्या सवा तीन लाख से भी ज्यादा हो गई है। आज भारत seafarers की संख्या के मामले में दुनिया के टॉप थ्री देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है।
पिछले 10 वर्षों में हमारे प्रमुख बंदरगाहों पर Ship turn-around time में 30 परसेंट तक की कमी आई है। हमारे पोर्ट्स की Efficiency में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण हम कम से कम समय में ज्यादा कार्गो हैंडल कर रहे हैं।
हमारे National Waterways का भी 8 गुना विस्तार हुआ है। आज global top 30 ports में हमारे दो भारतीय पोर्ट्स हैं। Logistics Performance Index में भी हमारी रैकिंग बेहतर हुई है। Global shipbuilding में हम टॉप-20 देशों में शामिल हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के मैरीटाइम सेक्टर को नई ऊंचाई देने में प्राइवेट सेक्टर का भी अहम योगदान है। Public-Private Partnerships के तहत पिछले 10 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इस भागीदारी से न केवल हमारे पोर्ट्स ग्लोबल स्टैंडर्ड पर अपग्रेड हुए हैं, बल्कि वो फ्यूचर रेडी भी बने हैं। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से इनोवेशन और efficiency, दोनों को बढ़ावा मिला है।
हम कोच्चि में shipbuilding and repair cluster स्थापित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। इस cluster के तैयार होने से यहां रोजगार के अनेक नए अवसर तैयार होंगे। केरल के local talent को, केरल के युवाओं को, आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल बजट में भारत में बड़े शिप के निर्माण को बढ़ाने के लिए नई पॉलिसी की घोषणा की गई है। इससे हमारे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा लाभ हमारे MSME को होगा, और इससे बड़ी संख्या में employment के और entrepreneurship के अवसर तैयार होंगे। केरल में हजारों मछुआरे भाई-बहनों को किसान क्रेडिट कार्ड्स भी दिये गए हैं, जिसके कारण उन्हें सैकड़ों करोड़ रुपए की मदद मिली है।
