नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज हमदर्द कंपनी Rooh Afza की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को उनके रुह आफजा को लेकर दिए गए बयान जिसमें उन्होंने रूह आफजा को ‘शरबत जिहाद’ कहा है उसे गलत बताया।
जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि इस तरह का बयान अंतरआत्मा को झकझोर देने वाला और अक्षम्य है। उन्होंने रामदेव और पतंजलि को उनके भ्रामक प्रिंट, वीडियो विज्ञापनों को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पतंजलि को हलफनामा पेश करने को कहा है जिसमें वह भविष्य में कभी भी सोशल मीडिया, प्रिंट और वीडियो में इस तरह के भा्रमक विज्ञापन नहीं देगी। इसके लिए कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों का समय दिया है अगली पैरवी 1 मई को की जाएगी।
हमदर्द की ओर पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि बाबा रामदेव ने हमदर्द के खिलाफ ऐसा बयान सिर्फ इसलिए दिया कि उसका मालिक एक मुस्लिम है। उन्होंने बिना किसी रोक टोक के धर्म को चोंट पहुंचाने वाले बयान दिए हैं। उनसे कड़ाई से निपटने की जरुरत है, क्योंकि वह ऐसा पहले भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इस कमाई से हमदर्द मस्जिद और मदरसे बनाएगी। यह बयान विभाजन और हेट स्पीच और मानहानि के अंतर्गत आता है।
बाबा रामदेव की तरफ से पैरवी कर रहे वकील नायर ने कहा कि उनके मुकव्विल किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं।
