न्यूज डेस्क। ट्ंप ने कहा कि हावर्ड एक मजाक है। यह मूर्खता सीखाता है। यह विश्वविद्यालय मजाक बन गया है। इसे संघीय धन नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी अनियंत्रित यहूदी भावनाओं को बढ़ावा देती है। अल्पसंख्यकों को उत्साहित करने वाले कार्यक्रमों पर ज्यादा जोर देती है। इसलिए ऐसे कार्यक्रमों को रोक देना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन ने दो दिन पहले हाॅवर्ड की 2.2 बिलियन की फंडिंग भी रोक दी थी। Trump प्रशासन का आरोप है कि यूनिवर्सिटी विदेशी छात्रों को ज्यादा बढ़ावा देती हैै। कहा जाएं तो ट्रंप प्रशासन यूनिवर्सिटी पर अपना अधिपत्य कर जाति लिंग भेद और राष्ट्रीय मूल के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती को भी रोकना चाहती हैै।

ट्रंप सरकार का मानना है कि यूनिवर्सिटी को अमेरिका मूल्यों का विरोध करने वाले छात्रों को प्रशय नहीं देना चाहिए। यूनिवर्सिटी अनियंत्रित यहूदी विरोधी भावनाओं के साथ, आतंकवादी संगठन हमास को भी समर्थन देती है इसलिए ऐस संस्थानों को सरकारी आवंटन नहीं मिलना चाहिए।
गौरतलब हो कि इसी हावर्ड यूनिवर्सिटी ने विश्व के 162 नोबेल पुरस्कार विजेता दिए हैं। वहीं अमेरिका के 8 राष्ट्रपति भी इसी यूनिवर्सिटी से रहे हैं।
प्रवेश, नियुक्ति और यूनिवर्सिटी पर ट्रंप प्रशासन के अधिकार को नकार कर हावर्ड यूनिवर्सिटी फंस गयी है। फिलहाल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने कहा है कि यूनिवर्सिटी अपने संवैधानिक अधिकारों को नहीं खोना चाहती है। इससे माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी ट्रंप की बातों को मानने को तैयार नहीं है। इसी बीच कोलबिंया यूनिवर्सिटी पर भी ट्रंप सरकार का दबाव जारी है। इस यूनिवर्सिटी ने Trump सरकार की कई बातों पर अपनी सहमति जता दी है।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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