नई दिल्ली। मनमानी फीस वसूल करने वाले स्कूलों से तंग आ चुके परिजनों के लिए थोड़ी राहत की खबर है। दिल्ली सरकार द्वारा आज एक प्रेस वार्ता में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने फीस बढ़ाने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, “एक प्राइवेट स्कूल को 15 करोड़ रुपये का घपला करते हुए पकड़ा गया, जबकि पिछली सरकार ने उसे 15 फीसदी फीस बढ़ाने की अनुमति दी थी।’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में शिक्षा का व्यापारीकरण कभी नहीं होने देंगे। दिल्ली में 1677 प्राइवेट स्कूल हैं जिसमें 355 स्कूल तो सरकारी जमीन पर बने हैं और इनके लिए सरकार की अनुमति जरूरी होती है। जबकि 114 स्कूलों को सरकार की परमिशन की जरूरत नहीं होती है।
पिछली सरकार ने स्कूलों में किया भ्रष्टाचार
आशीष सूद ने कहा, “हम किसी भी तरह की प्राइवेट स्कूलों में अनैतिक स्तर पर फीस में बढ़ोतरी नहीं होने देंगे। पिछली सरकारों के दौर में जिस तरीके से भ्रष्टाचार हुआ उसकी जांच कराई जाएगी। एक स्कूल में करोड़ों का घपला होने के बाबजूद 15 फीसदी फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी गई थी। जबकि दूसरे स्कूलो में 14 फीसदी फीस बढ़ाई गई। दिल्ली में पिछले 10 सालों में महज 73 स्कूलों का ऑडिट कराया गया।’
फीस को लेकर मनमानी करने वालों पर नकेल कसने की बात करते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमने ऐसे स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की है, और उनमें से हर एक स्कूल का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के तहत आने वाले स्कूलों को किसी भी तरह की फीस वृद्धि को लागू करने से पहले शिक्षा निदेशालय से इजाजत लेनी होगी।’
गौरतलब हो विपक्षीय पार्टी के नेताओं ने दिल्ली सरकार पर पिछले दिनों प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि की मनमानी को लेकर आरोप लगाए थे।
