हैदराबाद (PIB)। दक्षिण एशिया के लिए यूनेस्को क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और इकिगाई लॉ के सहयोग से, भारत में एआई रेडीनेस असेसमेंट मेथडोलॉजी (आरएएम) पर हितधारक परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम 8 अप्रैल, 2025 को दोपहर 1.30 बजे हैदराबाद के टी-वर्क्स में होगा। इकिगाई ला की भूमिका इसमें कार्यान्वयन भागीदार के रूप में लोगी।

इसमें इंडिया एआई मिशन के सीईओ और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में “सरकार और बहुपक्षीय दृष्टिकोण” पर आधारित एआई गवर्नेंस में नैतिकता को आकार देना विषय पर एक पैनल चर्चा भी होगी। इस चर्चा में एमईआईटीवाई, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय, अमृता विश्वविद्यालय, यूनेस्को और तेलंगाना सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। प्रतिभागी गवर्नेंस, कार्यबल तत्परता, बुनियादी ढांचे और उपयोग के मामलों पर चार विषयगत ब्रेकआउट समूहों में भी शामिल होंगे, जिससे भारत की एआई तत्परता के प्रमुख आयामों पर गहन संवाद और इनपुट की सुविधा मिलेगी।

एआई रेडीनेस असेसमेंट मेथडोलॉजी पहल के बारे में

यूनेस्को और एमईआईटीवाई द्वारा एआई आरएएम पहल के तहत यह पांच बहु-हितधारक परामर्शों में से तीसरा है, जो नई दिल्ली और बैंगलोर में पहले के सत्रों के बाद हुआ है। भारत-विशिष्ट एआई नीति रिपोर्ट को आकार देने के उद्देश्य से, यह पहल नैतिक एआई इकोसिस्टम में ताकत और अवसरों की पहचान किए जाने पर केंद्रित है। नीति निर्माताओं, प्रौद्योगिकीविदों, शिक्षाविदों और चिकित्सकों के लिए यह खुला परामर्श देश के भविष्य के लिए एक जिम्मेदार एआई रोडमैप को आकार देने में मदद करने का एक अवसर है।
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब भारत ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तपोषण द्वारा समर्थित अपने महत्वाकांक्षी आईएनडीआईए एआई मिशन को शुरू किया है। इसका उद्देश्य सुरक्षित और विश्वसनीय एआई स्तंभ निर्धारित करना है, जो नैतिक, जवाबदेह और सुरक्षित एआई विकास करता हो। यह मिशन स्वदेशी ढांचे, प्रशासनिक तंत्र और स्व-मूल्यांकन दिशा-निर्देशों को आगे बढ़ाने, एआई के लाभों को सभी क्षेत्रों में सुलभ बनाने का प्रयास करेगा।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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