भोपाल (एमपीपीआरओ)। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मेलन में पधारे प्रदेश भर के प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने सहकारिता विभाग में नवनियुक्त सहकारी निरीक्षकों के नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इसके साथ ही उन्होंने सहकारिता विभाग के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य-प्रदेश सरकार सर्वजनकल्याण के संकल्पों के साथ कार्य कर रही है। वर्तमान में पंचायत से लेकर मंत्रालय तक पारदर्शितापूर्ण कार्य शैली के कारण अन्य क्षेत्रों के साथ सहकारी क्षेत्र में समृद्ध हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारिता का लाभ पहुंचाने के लिये बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के भाव के अनुसार कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है।
दूध पर बोनस
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सहकारिता के क्षेत्र में निश्चित ही नए दौर की नई कहानी लिखेगा। गुजरात में दूध पर बोनस की जिस तरह व्यवस्था है, मध्य-प्रदेश भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही राज्य में मत्स्य पालन के लिए काफी बड़ा क्षेत्र है और हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी उद्योग क्षेत्र के साथ सहकारिता ने कार्य करने की पहल की है। मध्य-प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को गति दी जा रही है। विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाएगा। आने वाले चार वर्ष में सहकारिता आंदोलन को नए मुकाम पर पहुंचाया जाएगा।
भारत में राष्ट्र संघ की भावना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत में सहकारिता का इतिहास पुराना है। भारत में वर्षों पूर्व अश्वमेघ यज्ञ की परंपरा रही थी। लेकिन भारत ने किसी राष्ट्र पर कब्जा नहीं किया। छोटे-छोटे राज्यों की स्वायत्तता को खत्म नहीं होने दिया बल्कि उन्हें साथ लेकर कार्य किया और उनके स्वावलंबन को भी जीवंत रखा। सच्चे अर्थों में संयुक्त राष्ट्र संघ की भावना का पालन करने वाला कोई राष्ट्र है तो वह भारत है। जब यह कहा जाता है सर्वे भवन्तु सुखिनरू, सर्वे सन्तु निरामयारू ….तो इसका अर्थ है सभी को परस्पर जोड़ना और अपने लाभ में उन्हें सहभागी बनाना। यह वसुधैव कुटुम्बकम जैसे वेद वाक्य का लघु रूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व में भारत की गरिमा बढ़ाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा केंद्र सरकार ने सहकारिता में सभी के कल्याण का ध्यान रखा है। मध्य-प्रदेश में भी इसी तर्ज पर कार्य हो रहा है। सहकारिता अधिनियम में परिवर्तन के फलस्वरूप सोसायटी के रजिस्ट्रेशन का कार्य 30 दिन में संभव होगा। पूर्व में यह अवधि 90 दिवस थी। पूर्व की व्यवस्था में अनेक कठिनाईयों को सामना करना होता था। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में सहकारिता क्षेत्र में प्रक्रियाओं को सरल बनाने की पहल हुई। सहकारिता को उन्होंने बहुउद्देश्यीय और बहुआयामी बनाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा औद्योगीकरण में सिर्फ व्यक्ति ही नहीं, सहकारिता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मध्य-प्रदेश किसानों, गौ पालकों और मत्स्य पालकों को सहकारी क्षेत्र में अधिक से अधिक लाभ दिलवाकर इस क्षेत्र में शिखर पर पहुंचेगा।
सहकारी कैलेण्डर, पुस्तिका का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के वार्षिक कैलेंडर, व्यवसाय संवर्धन की पुस्तिका का विमोचन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माइक्रो एटीएम पखवाड़े का शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पैक्स, दुग्ध सहकारी संस्थाओं और मत्स्य पालक सहकारी संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किए। इन संस्थाओं में विदिशा, इंदौर और खरगोन की संस्थाएं शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव सहकारिता अशोक बर्णवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव मत्स्य पालन डी.पी. आहूजा, राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक आलोक कुमार सिंह, आयुक्त सहकारिता मनोज पुष्प, नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय की मुख्य महा प्रबंधक सी. सरस्वती एवं बड़ी संख्या में प्रदेश की सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, जिला सहकारी बैंक, अपेक्स बैंक, पैक्स, दुग्ध एवं मत्स्य समितियों के साथ ही सहकारिता विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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