गोवा (एजेंसी)। इडली-सांभर लोगों के स्वाद में ऐसा चढ़ता जा रहा है कि लोग कहीं भी जाएं अन्य व्यंजनों की जगह इसे ही खाना पसंद करते हैं। लो कैलोरी फैट के चलते भी फिटनेस फ्रीक लोग इसे तवज्जों देते हैं। सस्ते दामों में अगर पेट भी भर जाए तो लोग ज्यादातर वही खाना पसंद करते हैं।
लेकिन आपने कभी सोचा होगा कि लोगों का ये इडली-सांबर लव किसी शहर के टूरिज्म को खतरे डाल देगा। जी हां गोवा के टूरिज्म में गिरावट दर्ज की गई है, जिसकी वजह इडली-सांबर है। बीजेपी के विधायक माइकल लोबो ने दावा किया है कि इडली-सांबर की वजह से शहर के टूरिज्म में गिरावट आ गई है। उन्होंने कहां, ‘यहां बीच पर इडली-सांबर बेचा जा रहा है जिसकी वजह से टूरिज्म में गिरावट दर्ज की जा रही है। लोगों को गोवा के व्यंजनों को बढ़ावा देना चाहिए और वहां पर गोवा के व्यंजन ज्यादा बेचने चाहिए और इडली-सांबर बेचना बंद करना चाहिए। पिछले कुछ समय से गोवा के टूरिज्म में गिरावट आई है।’
अकेले सरकार को दोषी नहीं
विधायक ने गुरुवार को दावा किया कि गोवा में इडली-सांभर की बिक्री से गोवा में इंटरनेशनल टूरिस्ट की संख्या में गिरावट आ रही है। नॉर्थ गोवा के कैलंगुट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विधायक लोबो ने कहा कि अगर कम विदेशी लोग गोवा में आ रहे हैं तो अकेले सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि सभी स्टेकहोल्डर भी इस के लिए जिम्मेदार हैं।
पर्यटन में गंभीर गिरावट
विधायक ने कहा, ‘कोई बेंगलुरु के लोग यहां पर वड़ा-पाव बेच रहे हैं। कोई यहां पर इडली-सांबर बेच रहा है। आप टूरिस्ट को क्या बताना चाहते हैं कि हम बीच (इमंबी) पर आपको इडली-सांबर बेचेंगे। हम यह किस तरह के टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। गोवा में पर्यटन में गिरावट को लेकर हंगामा मचा हुआ है और सभी हितधारकों को इसकी जिम्मेदारी उठानी होगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘गोवा में नॉर्थ से लेकर साउथ तक पर्यटन में गंभीर गिरावट आई है और इसके कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि जो विदेशी पर्यटक वर्षों से गोवा आ रहे हैं, वे लगातार आ रहे हैं, लेकिन नए पर्यटक, विशेष रूप से युवा गोवा की जगह दूसरी जगह का चुनाव कर रहे हैं।
यूक्रेनी पर्यटकों में कमी
बीजेपी विधायक ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को भी इस का कारण बताया है| उन्होंने कहा, युद्ध की वजह से भी रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों ने गोवा आना बंद कर दिया है| विधायक ने कहा कि राज्य को पर्यटन से संबंधित इन मुद्दों को सुलझाना चाहिए, जिसमें कैब एग्रीगेटर्स और स्थानीय पर्यटक टैक्सी ऑपरेटरों के बीच मतभेद भी शामिल हैं| इसी के साथ उन्होंने आगाह किया कि अगर हमने कोई व्यवस्था नहीं बनाई तो हमें पर्यटन क्षेत्र में काले दिन देखने को मिलेंगे|
