PIB Delhi| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में आईसीसी महिला विश्व कप 2025 की चैंपियन टीम से बातचीत की। भारतीय टीम ने रविवार, 2 नवंबर, 2025 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में जीत हासिल की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह देव दीपावली और गुरुपर्व दोनों का प्रतीक है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, टीम के कोच अमोल मजूमदार ने कहा कि उनसे मिलना हमारे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। उ
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 2017 में प्रधानमंत्री से मुलाकात को याद किया जब ट्रॉफी नहीं मिली थी और वर्षों से जिस ट्रॉफी के लिए उन्होंने मेहनत की थी, उसे अब मिलने पर अत्यधिक सम्मान महसूस किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी खुशी दोगुनी कर दी और यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य भविष्य में भी उनसे मिलते रहना और उनके साथ टीम की तस्वीरें खिंचवाना है।
मोदी ने उनकी उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने वाकई कुछ बड़ा हासिल किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि लोगों के जीवन का एक हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि जब क्रिकेट अच्छा चलता है, तो देश उत्साहित महसूस करता है, और थोड़ी सी भी असफलता पूरे देश को झकझोर देती है। उन्होंने बताया कि कैसे लगातार तीन मैच हारने के बाद टीम को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने स्मृति मंधाना को अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया। स्मृति मंधाना ने याद करते हुए कहा कि 2017 में टीम कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाई थी, लेकिन उन्हें याद है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अपेक्षाओं से निपटने के बारे में एक सवाल पूछा था। उन्होंने कहा कि उनका जवाब उनके जेहन में बस गया और अगले छह-सात सालों में, कई बार विश्व कप में मिली हार के बावजूद, टीम को इससे बहुत मदद मिली। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि भारत पहली बार महिला विश्व कप की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा से एक प्रेरणा रहे हैं, खासकर जिस तरह से अब महिलाएं इसरो प्रक्षेपणों से लेकर अन्य राष्ट्रीय उपलब्धियों तक हर क्षेत्र में दिखाई दे रही हैं, जिसे उन्होंने महिलाओं के लिए बेहतर प्रदर्शन करने और अन्य लड़कियों को प्रेरित करने के लिए बेहद प्रेरक और सशक्त बनाने वाला बताया। मोदी ने कहा कि पूरा देश देख रहा है और गर्व महसूस कर रहा है, लोग वास्तव में खिलाडि़यों के अनुभव सुनना चाहते हैं। स्मृति मंधाना ने कहा कि इस अभियान की सबसे अच्छी बात यह थी कि हर खिलाड़ी घर जाकर अपनी कहानी साझा कर सकता था, क्योंकि किसी का भी योगदान कम नहीं था। उन्होंने दोहराया कि उम्मीदों पर खरा उतरने की प्रधानमंत्री की पिछली सलाह हमेशा उनके जेहन में रही है और उनका शांत एवं संयमित व्यवहार अपने आप में प्रेरणा का स्रोत था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूछा कि क्या टीम ने वापसी के बाद कुछ किया है। हरलीन कौर देओल ने मजाकिया अंदाज में बताया कि बाकी लोगों ने उन्हें बहुत ज्यादा शोर करने के लिए टोका था और चुप रहने को कहा था।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने दीप्ति शर्मा से दिन में उनकी पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की भूमिका के बारे में पूछा और मजाक में कहा कि शायद वह सब कुछ नियंत्रित कर रही होंगी। दीप्ति ने जवाब दिया कि वे बस उनसे मिलने और उस पल का आनंद लेने का इंतजार कर रही थीं। उन्होंने याद किया कि 2017 में, प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था कि एक सच्चा खिलाड़ी वह होता है जो असफलता से उबरकर आगे बढ़ना सीखता है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के शब्दों ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया है और वह नियमित रूप से उनके भाषण सुनती हैं। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों को शांत और संयमित तरीके से संभालना, यहां तक कि जब कई आवाजें उठ रही हों, तब भी, व्यक्तिगत रूप से उनके खेल में उनकी मदद करता है।
मोदी ने दीप्ति से उनके हनुमान जी के टैटू के बारे में पूछा और यह कैसे उनकी मदद करता है। उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें खुद से ज्यादा हनुमान जी पर भरोसा है और जब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, तो उनका नाम लेने से उन्हें मुश्किलों से उबरने की शक्ति मिलती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर “जय श्री राम” भी लिखती हैं, जिसकी उन्होंने पुष्टि की। उन्होंने कहा कि जीवन में आस्था का बहुत महत्व है, जो किसी उच्च शक्ति के प्रति समर्पण का सुकून देता है। फिर उन्होंने मैदान पर उनकी दृढ़ता के बारे में पूछा कि क्या उनके दबदबे की धारणा में कोई सच्चाई है। उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, किंतु उन्होंने स्वीकार किया कि उनके थ्रो के साथ थोड़ा डर जुड़ा था और टीम के साथी अक्सर मजाक में आराम से खेलने को कहते थे। उन्होंने इस बात की सराहना की कि प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उनके टैटू के बारे में पूछा और उनकी इंस्टाग्राम टैगलाइन भी जानते थे।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने हरमनप्रीत कौर से उस गेंद के बारे में पूछा कि उन्होंने जीत के बाद क्या एक सुनियोजित संकेत पर या किसी के निर्देश पर उसे अपनी जेब में रखा था। हरमनप्रीत ने जवाब दिया कि यह ईश्वरीय योजना थी, क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि आखिरी गेंद और कैच उनके पास आएगा, लेकिन जब ऐसा हुआ, तो ऐसा लगा जैसे वर्षों की मेहनत और प्रतीक्षा का फल मिला हो, और उन्होंने इसे अपने पास रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि गेंद अभी भी उनकी जेब में है।
प्रधानमंत्री ने शेफाली वर्मा की ओर रुख किया और बताया कि वह रोहतक से हैं, जो पहलवानों के लिए जाना जाता है, और पूछा कि वह क्रिकेट में कैसे आईं। शेफाली ने जवाब दिया कि रोहतक में कुश्ती और कबड्डी काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन उनके क्रिकेट के सफर में उनके पिता की अहम भूमिका रही है।
प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी ने कैच लेने से पहले शेफाली की मुस्कान को याद किया और इसका कारण पूछा। शेफाली ने बताया कि वह मन ही मन गेंद को अपनी ओर बुला रही थीं और जब गेंद उनके पास आई, तो वह मुस्कुराए बिना नहीं रह सकीं।
प्रतीका रावल ने बताया कि उनकी चोट के बाद, टीम के कई खिलाड़ियों ने प्रतीका के लिए विश्व कप जीतने की इच्छा जताई थी। हालांकि वह आधिकारिक तौर पर टीम में नहीं थीं और 16वीं खिलाड़ी थीं, फिर भी उन्हें व्हीलचेयर पर मंच पर लाया गया और पूरा सम्मान दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऋचा घोष जहां भी खेलती हैं, हमेशा जीतती हुई दिखाई देती हैं। उन्होंने बताया कि बल्लेबाजी के दौरान, खासकर छक्के लगाते समय, उन्हें हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी टीम की साथियों का बहुत भरोसा महसूस होता था। पूरी टीम को उन पर पूरा भरोसा था कि वे दबाव की परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं, जहां रनों की ज़रूरत तो थी, लेकिन गेंदें कम थीं। इसी भरोसे ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और हर मैच में उनकी बॉडी लैंग्वेज में झलकता रहा।
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