भिलाई। झोलाछाप डॉक्टर की गलती से एक घर का चिराग बुझ गया। डॉक्टर ने जैसे मरीज को इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उसकी हालत लगातार और भी बिगड़ती गई। आनन फानन में उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

बता दें कि यह घटना भिलाई के हथखोज इलाके की है। 23 वर्षीय मरीज जितेन्द्र पांडेय की तबीयत बिगड़ने पर उसे कथित डॉक्टर सत्येन शर्मा के पास ले जाकर इलाज कराने की जानकारी मिली है, जिसके पास कोई भी डिग्री नहीं है। मरीज के परिजनों के हवाले से पुलिस ने बताया कि जितेन्द्र को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। परिजनों ने उसे नजदीकी डॉक्टर सत्येन शर्मा के पास ले जाकर दिखाया। डॉक्टर ने उसे लगातार तीन इंजेक्शन लगाए, जिसके कुछ ही मिनटों बाद उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। जितेन्द्र बेहोश हो गया, जिससे घरवाले घबरा गए। आनन-फानन में उसे सुपेला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक करता था ड्राइवरी

जितेन्द्र पांडेय पेशे से ड्राइवर था। वह एक दिन पहले ही घर पहुंचा था। परिजनों ने बताया कि जितेन्द्र को सुबह हल्की कमजोरी महसूस हो रही थी, इसलिए उसे जूस और नारियल पानी दिया गया था। किसी को अंदाजा नहीं था कि थोड़ी देर बाद उसकी हालत इतनी गंभीर हो जाएगी।

अब डॉक्टर पर कार्रवाई तय

घटना के बाद परिवार ने डॉक्टर की डिग्री और उसकी प्रैक्टिस पर सवाल उठाए। जब कुछ लोगों ने उससे फोन पर पूछा, तो उसने स्वीकार किया कि वह बिना किसी डिग्री के प्रैक्टिस कर रहा है। ऐसे में अब डॉक्टर पर बड़ी कार्रवाई तय है।

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