न्यूज डेस्क। बिहार के मधुबनी जिले के कलेक्ट्रेट को कोर्ट द्वारा नीलाम करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश कलेक्ट्रेट द्वारा बकाया राशि 4 करोड़ 17 लाख रुपए का भुगतान नहीं किए जाने पर दिया गया है। इसके लिए कलेक्ट्रेट को 15 दिनों की मुहलत दी गई है। इसके बाद कलेक्ट्रेट की दो मंजिला जमीन और कुछ हिस्सों की नीलामी कर बकाया राशि वसूली जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामला राधाकृष्ण कोआपरेटिव मिल कोलकाता और पंडौल सूता कोआपरेटिव मिल से जुड़ा हुआ है। जिनके बीच करार हुआ था। सूता मिल बंद हो गई थी जिसे राधाकृष्ण कोआपरेटिव मिल कोलकाता के रतन कुमार केडिया ने ने फिर से चालू करने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराया था। सरकार मजदूर और मिल का संचालन देखती थी।
लेकिन बाद में सूता मिल द्वारा राशि भुगतान नहीं किए जाने के कारण यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था जहां ततकालीन न्यायधीश घनश्याम प्रसाद द्वारा कोलकाता कंपनी को 28 लाख 90 हजार 168 रुपया, क्षतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रुपया, मुकदमा खर्च 70 हजार तथा आर्बिट्रेटर को फीस के रूप में एक लाख 80 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया गया था। आदेश में पारित रकम भुगतान नहीं करने पर 18 प्रतिशत ब्याज देने के आदेश दिए गए थे। राशि भुगतान न करते हुए आदेश का पालन नहीं करने पर 2016 में कोलकाता कंपनी के डायरेक्टर ने एक बार फिर याचिका दायर की थी। अब इसी मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है कि 15 दिनों के अंदर 4 करोड़ 17 लाख 24 हजार 459 रुपए नहीं दिया गया तो मधुबनी कलेक्ट्रेट की नीलामी कर दी जाएगी।
इसी के तहत कलेक्ट्रेट के द्वार पर भी नीलामी का नोटिस चस्पा दिया गया है।
