भिलाई। पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में लाउड स्पीकर व साउंड सिस्टम को लेकर विवाद में एक शख्स ने फांसी लगा ली। समिति अध्यक्ष पर मनमानी व प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शख्स ने अपने घर पर स्टोर रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें उसने समिति अध्यक्ष गोल्डी वर्मा का जिक्र किया। फिलहाल इस मामले में पुरानी भिलाई पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

हथखोज शीतला पारा निवासी धन्नुलाल साहू ने बीती रात अपने घर पर फांसी लगा ली। सुबह उसकी पत्नी ने अपने बेटे नेतराम साहू को अपने पिता को देखने भेजा तो स्टोर रूम में वह फंदे पर लटका मिला। मृतक के पास एक लेटर मिला जिसमें उसने गणेश समिति के अध्यक्ष गोल्डी वर्मा की प्रताड़ना से परेशान होना लिखा। घटना की जानकारी मिलने पर पुरानी भिलाई पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सुपेला अस्पताल भेजा।

इस पूरे मामले में मृतक के बेटे नेतराम साहू ने गणेश समिति के अध्यक्ष गोल्डी वर्मा पर गंभीर आरोप लगाया है। नेतराम वर्मा ने बताया कि शनिवार रात को गणेश पंडाल में लाउड स्पीकर व साउंड सिस्टम को तेज आवाज में बजा रहे थे। इस दौरान उनके पिता धन्नु लाल व मोहल्ले के तीन चार लोगों से साउंड सिस्टम का आवाज करने कहा। नेतराम के पिता ने कहा कि वे हार्ट पेसेंट हैं और इस कारण तेज आवाज से परेशानी होती है। यह कहने के बाद भी गोल्डी वर्मा नहीं माना तो धन्नुलाल ने डायल 112 को कॉल किया।मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने समझाइश दी तो साउंड सिस्टम का आवाज कम कर दिया। इसके बाद समिति का अध्यक्ष धन्नुलाल के पहुंचा और एसडीएम का परमीशल लेटर उनके मुंह पर मारा। गोल्डी वर्मा इस दौरान कहने लगा कि एसडीएम का परमीशन लेटर है और तेज आवाज में बजाएंगे जो करना है कर लो। इसके बाद धन्नुलाल और उसका परिवार पुरानी भिलाई थाने पहुंचे। थाने में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। नेतराम साहू ने बताया कि इसके बाद आधी रात के बाद लगभग 2 से ढाई बजे के बीच समिति वालों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। विवाद न हो इसलिए धन्नुलाल व उसके परिवार वाले घर पर ही थे। सुबह नेतराम साहू को उसकी मां ने अपने पिताजी को देखने कहा तो वह उनके कमरे में पहुंचा। कमरे में नहीं होने पर स्टोर रूम में देखा तो वे फांसी लगा चुके थे। इस पूरे मामले में नेतराम साहू अपने पिता की मौत का कारण गोल्डी वर्मा को बताते हुए उस पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग पुलिस प्रशासन से की है।

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