PIB| शहरी कार्य मंत्रालय के प्रोत्साहन के साथ अंडमान निकोबार द्वीप समूह भी स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई मिशाल पेश कर रहा है। यहां प्लास्टिक कचरों के निष्पादन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह काफी सराहनीय है। यहां दूध के प्लास्टिक पैकेटों के बदले दूध या दूध की कीमत में छूट लोगोें को खूब लुभा रही है। लोग दूध में छूट पाने के लिए बकायदा इन पैकेटों को जमा कर विभिन्न संस्थानों को सौंप रहे हैं। इससे स्वच्छता के साथ लोगों में जागरूकता भी बढ़ रही है साथ ही लोग पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझ रहे हैं।

(Buy-Back Scheme)

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बढ़ते प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक दूध के पाउच को वापस करने हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया गया। इसके लिए बाय-बैक नाम से योजना शुरु की गई। योजना में एएनआईआईडीसीओ और एसवीपीएमसी के सहयोग से, संग्रह केंद्र स्थापित किए गए। इन केंद्रों में उपभोक्ताओं को इस्तेमाल किए गए पाउच के बदले ताजा दूध या दूध के पैसों में छूट दिया जाता है।

17,600 दूध के पाउच एकत्र
इन जन जागरूकता अभियानों ने रीसाइक्लिंग और जिम्मेदार अपशिष्ट निपटान को प्रोत्साहन दिया जिससे स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। सामुदायिक भागीदारी को मजबूत किया जा सका है जिससे दीर्घकालिक पर्यावरण जागरूकता और जमीनी स्तर पर टिकाऊ नियमों को बढ़ावा मिला है। संरचित बाय-बैक प्रणाली ने जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान कर पुनर्नवीनीकरण सामग्री से राजस्व भी उत्पन्न किया। आपको बता दें कि नवंबर 2024 तक, 17,600 दूध के पाउच एकत्र किए गए, जिसके बदले लोगों को 352 लीटर दूध दिया गया।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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