लखनऊ। World सुपर ब्रह्मोस मिसाइल जिसने पाकिस्तान के 11 एयरबेस उड़ा दिए, अब यूपी के लखनऊ में तैयार होगी। यह परियोजना यूपी के डिफेंस इंटरनेशनल काॅरीडोर के लखनऊ नोड का हिस्सा है।फायर एंड फारगेट स्टाइल ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे सुपरक्रोनिक मिसाइलों में से एक है। इसकी मारक क्षमता 400-800 किलोमीटर तक है। इसका मैक 2.8 किलोमीटर है। जो भारत और रूस की संयुक्त उद्यम योजना है।
2018 से घोषित है ईकाई
ब्रह्मोस के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लखनउ ईकाई की घोषणा 2018 से घोषित की गई थी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से ईकाई का उद्घाटन किया। ब्रह्मोस एयरस्पेस द्वारा निर्मित ईकाई का निर्माण 300 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 80 हेक्टेयर भूमि दी गई थी। 3.5 वर्षों में इसका निर्माण किया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थिमि में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल तरीके से इस इकाई का उद्घाटन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी जिस परिस्थति से हम गुजर रहे हैं मेरा दिल्ली में रहना अति आवश्यक है। मैं भले ही आपके बीच नहीं आया, लेकिन अपने उत्साह के माध्यम से आप मुझ तक पहुंच गए। देश चलता रहेगा और हमारा संवाद नहीं टूटेगा। हमारे देश और यूपी के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज शक्ति की आराधना का दिन है। मैंने बरसो से अपने शहर लखनउ के लिए सपना देखा था वह अब पूरा हो रहा है।
यह उद्घाटन समारोह बहुत ही खास है, क्योंकि आज के ही दिन 11 मई 1998 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी के निर्देशों से हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परीक्षण कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई थी। आज ब्रह्मोस इकाई के उद्घाटन के लिए मैं हमारे वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि शिलान्यास के दौरान ही मैंने इसे जल्द से जल्दे पूरा करने की बात कही थी और मात्र 40 महीने में यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया है।
हम अपने लक्ष्यों को समय के साथ पूरा किया। इतने कम समय में जब ब्रह्मोस की टेस्टिंग सेंटर की स्थापना कर पाए हैं। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देता हूं। इसके अलावा डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। यूपी में यह डिफेंस काॅरीडोर लखनउ, झांसी, अलीगढ़ के लिए बेहतरीन विकास के विकल्प उत्पन्न करेगा। यूपी डिफेंस काॅरीडोर के निर्माण से कानपुर विकास की उंचाईयों को छूएगा।
यह भारत की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। ब्रह्मोस हथियार नहीं अपने आप में मैसेज है। हमारी सीमा पर सेफ गार्डिंग प्रतिरोधक क्षमता का। यह फैक्लटी सेंटर भारत की रक्षा को मजबूत करेगा। इससे यूपी इंडस्ट्रीयल का नये सिरे से श्रीगणेश हो गया है। 34000 करोड़ के कार्यों का संपादन करेगा। इसमें 4000 करोड़ का कार्य हो चुका है।
टेक्नालाजी के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है। दुनिया के हर क्षेत्र में टेक्नालाॅजी ने क्रांति मचा रखी है। ऐसे में हमारी नेशनल टेक्नालाजी महत्व रखता है।
भारत और रूस के हाइेस्ट टेक्नालाॅजी का संगम है। रोजगार के डायरेक्ट इनडायरेक्ट अवसर पैदा करेगा। ग्लोबल ग्रोथ बोल के रूप में उभरेगा।इनके पाट्र्स अलग अलग रूप में निर्मित होते हैं। इन्हें निर्मित करने के लिए हाइटेक्नालाॅजी की जरुरत होती है। छोटी औद्योगिम ईकाई को काफी अवसर पैदा होता है।
ळमे खुद के लिए आमर्स इक्यूपमेंट बनाना है और दुनिया को एक्सपोर्ट करना है। दुनिया में आम्र्स इक्यूपमेंट बाजार हमारी राह देख रहा है इसके लिए हमें आगे बढ़ना होगा।
भारत आतंकवाद के खिलाफ अगर कोई कार्यवाही करेगा तो आतंकी आकाओं की जमीन भी सुरक्षित नहीं है।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *