जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला ko Gi tag
pib delhi| उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिलान्यास और उद्घाटन किया। जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि काशी उनकी है और वे काशी के हैं। उन्होंने कहा कि हनुमान जन्मोत्सव से पहले काशी के लोग विकास का उत्सव मनाने के लिए एकजुट हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में बनारस के विकास को नई गति मिली है। काशी ने आधुनिकता को अपनाते हुए न सिर्फ अपनी विरासत को संजोया है बल्कि उज्ज्वल भविष्य को भी अपनाया है। उन्होंने कहा कि काशी अब न केवल प्राचीन है बल्कि प्रगतिशील भी है, यह अब पूर्वांचल के आर्थिक मानचित्र का केंद्र भी है। उन्होंने कहा कि भगवान महादेव द्वारा निर्देशित काशी अब पूर्वांचल के विकास का रथ संचालित कर रही है।
बनास डेयरी ko 100 करोड़ रुपये से अधिक का बोनस
कार्यक्रम में मोदी ने हर घर में नल से जल पहुंचाने के अभियान और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल सुविधाओं के विस्तार पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर समाज के कल्याण और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उनके और सावित्रीबाई फुले के आजीवन समर्पण को याद किया। उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए उनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए जारी प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों, विशेषकर परिश्रमी महिलाओं को बधाई दी, जिन्होंने इस क्षेत्र के लिए एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि जब-जब महिलाओं पर भरोसा किया जाता है, तब-तब उन्होंने इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बनास डेयरी प्लांट से जुड़े पशुपालक परिवारों को बोनस के वितरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये से अधिक का यह बोनस कोई उपहार नहीं, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का पुरस्कार है, जो उनके श्रम और दृढ़ता के मूल्य को दर्शाता है।
वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा दूध उत्पादक
मोदी ने बताया कि किस प्रकार से डेयरी ने कड़ी मेहनत को पुरस्कृत किया है और आकांक्षाओं को पंख दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले एक दशक में दूध उत्पादन में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय लाखों किसानों और पशुपालकों को देते हुए कहा कि ऐसी उपलब्धियां पिछले दस वर्षों में निरंतर प्रयासों का परिणाम हैं। उन्होंने डेयरी क्षेत्र को मिशन मोड में आगे बढ़ाने के लिए की गई पहलों की ओर इशारा किया, जिसमें पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधाओं से जोड़ना, ऋण सीमा बढ़ाना और सब्सिडी कार्यक्रम का शुभारंभ शामिल है।
प्रधानमंत्री ने पशुओं की सुरक्षा के लिए खुरपका-मुंहपका रोग के खिलाफ नि:शुल्क टीकाकरण कार्यक्रम का भी उल्लेख करने के साथ-साथ संगठित दूध संग्रह के लिए 20,000 से अधिक सहकारी समितियों को पुनर्कार्यान्वित करने के प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत वैज्ञानिक प्रजनन के माध्यम से देशी मवेशियों की नस्लों को विकसित करने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने कई वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरित करने का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी अब आरोग्य की राजधानी बन रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत अस्पताल, जो कभी दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों तक सीमित थे, अब लोगों के घरों के पास ही उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सुविधाओं को लोगों के करीब लाना ही विकास का सार है।
मोदी ने आयुष्मान भारत योजना को गरीबों के लिए वरदान बताया, जो न केवल उपचार प्रदान करती है, बल्कि आत्मविश्वास भी जगाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने उत्तर प्रदेश के लाखों परिवारों के करोड़ों रुपये बचाए हैं, क्योंकि सरकार ने उनके स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी ली है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए नि:शुल्क इलाज के अपने वादे के साथ आयुष्मान वय वंदना योजना के शुभारंभ की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक के लिए नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित करती है, चाहे उनकी आय कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि वाराणसी ने सबसे अधिक वय वंदना कार्ड जारी किए हैं, यहां लगभग 50,000 कार्ड वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि सेवा के लिए प्रतिबद्धता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों लोग प्रतिदिन बनारस आते हैं, बाबा विश्वनाथ की पूजा करते हैं और पवित्र गंगा में स्नान करते हैं, कई लोगों ने शहर में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अगर काशी की सड़कें, रेलवे और हवाई अड्डा एक दशक पहले की तरह ही बने रहते तो उसे कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले छोटे-छोटे त्योहारों के दौरान होने वाले ट्रैफिक जाम के साथ-साथ यात्रियों को धूल और गर्मी को झेलते हुए पूरे शहर से होकर गुजरना पड़ता था लेकिन अब फुलवरिया फ्लाईओवर के निर्माण और अन्य विकास कार्यों ने इन दूरियों को कम किया है, समय की बचत की है साथ ही दैनिक जीवन में सुलभता ला दी है।
एक दशक में 45,000 करोड़ रुपये के निवेश
मोदी ने वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में सम्पर्क बढ़ाने के लिए पिछले एक दशक में हुए लगभग 45,000 करोड़ रुपये के निवेश का भी उल्लेख किया। जिससे काशी और पड़ोसी जिलों को लाभ हुआ है। उन्होंने बनारस शहर और सारनाथ को जोड़ने वाले एक नए सेतु के निर्माण की भी घोषणा की, जिससे अन्य जिलों से सारनाथ जाने वाले यात्रियों को शहर से होकर गुजरने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। काशी में सिटी रोपवे के ट्रायल की शुरुआत का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इससे बनारस ऐसी सुविधा प्रदान करने वाले दुनिया के चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा।
काशी में एकता मॉल की घोषणा
मोदी ने बनारस में नए स्टेडियमों के निर्माण और युवा एथलीटों के लिए उत्कृष्ट सुविधाओं के विकास के साथ-साथ एक नए खेल परिसर के उद्घाटन का उल्लेख किया, जहां वाराणसी के सैकड़ों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांसद खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को इन मैदानों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी भारत की आत्मा और विविधता का सबसे सुंदर प्रतिनिधित्व है। उन्होंने काशी में आगामी एकता मॉल की घोषणा की, जो एक छत के नीचे भारत की विविधता को प्रदर्शित करेगा और देश भर के विभिन्न जिलों के उत्पाद प्रस्तुत करेगा।
30 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग
मोदी ने राज्य की कला, शिल्प और कौशल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मान्यता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के 30 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह टैग वस्तुओं की पहचान का पासपोर्ट हैं। उन्होंने क्षेत्र के उन उत्पादों को सूचीबद्ध किया जिन्हें मान्यता दी गई है, जैसे वाराणसी का तबला, शहनाई, दीवार पेंटिंग, ठंडाई, भरवां लाल मिर्च, लाल पेड़ा और तिरंगा बर्फी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, बुंदेलखंड का कठिया गेहूं, पीलीभीत की बांसुरी, प्रयागराज की मूंज कला, बरेली की जरदोजी, चित्रकूट की काष्ठकला और लखीमपुर खीरी की थारू जरदोजी जैसे उत्पादों को हाल ही में जीआई टैग प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की मिट्टी की खुशबू अब सीमाओं को पार कर रही है और अपनी विरासत को दूर-दूर तक फैला रही है।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
3,880 करोड़ रुपये ka विकास
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। वाराणसी में बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से सड़क संपर्क बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, उन्होंने क्षेत्र में विभिन्न सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके अलावा, उन्होंने वाराणसी रिंग रोड और सारनाथ के बीच एक सड़क सेतु, शहर के भिखारीपुर और मंडुआडीह क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर और वाराणसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर 980 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली एक राजमार्ग अंडरपास सड़क सुरंग की आधारशिला रखी।
