नई दिल्ली। दिल्ली को अब जल्द ही कूड़े के पहाड़ से निजात मिलने वाली है। भलस्वा लैंडफिल साइट को लेकर दिल्ली की मुख्य मंत्री रेखा गुप्ता ने नई योजना तैयार की है। मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कूड़े का पहाड़ बने भलस्वा लैंडफिल साइट का दौरा किया। जहां एलजी और सीएम ने दिल्ली सरकार के विकसित भारत 2047 के विजन के तहत बायोमाइनिंग, भूमि सुधार और ग्रीन दिल्ली की दिशा में ‘बांसरोपण अभियान’ का शुभारंभ किया।
इसके तहत बांस के 2000 पौधे रोपे गए। इस दौरान दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन भी दिखाई। कूड़े के पहाड़ स्थित लैंडफिल साइट में पौधों से चारदीवारी की जा रही है। प्रदूषण कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के हिसाब से नीति तैयार की गई है। कूड़े के पहाड़ को कम किया जा सकता है। इस दौरान दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सासंद योगेंद्र चंदोलिया भी मौजूद रहे।
बांस बचायेंगे प्रदूषण से
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में एक नई पहल की गई है। इस अभियान के तहत 2000 बांस के पौधे लगाए गए हैं और अगले एक से डेढ़ महीने में 54,000 और पौधे लगाए जाएंगे। बांस का चयन इसलिए किया गया है, क्योंकि यह 30प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन प्रदान करता है। भाजपा सरकार दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में बांसरोपण अभियान शहर के वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित होगा। बांस के पौधों की खासियत यह है कि इन्हें कम पानी की जरूरत होती है और यह तेजी से बढ़ते हैं।
कूड़े पहाड़ में लाएंगे हरियाली
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि कूड़े के पहाड़ की नियमित निगरानी की जाएगी और तीनों लैंडफिल साइटों पर लगातार ध्यान दिया जाएगा। अगले एक साल में कूड़े के ढेर की ऊंचाई को कम किया जाएगा और यहां हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा। दिल्ली सरकार मिशन मोड में काम कर रही है और आने वाले समय में कई नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। दिल्ली को स्वच्छ बनाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।
हाइवे बनाने में उपयोग हो रहा लाखों टन कूड़ा
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने लैंडफिल साइट पर जमा कूड़े को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। जबकि केंद्र सरकार के सहयोग से कूड़े की रिसाइक्लिंग के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट्स में भी लैंडफिल साइट के कचरे का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही डीडीए की जमीन को समतल करने में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद लाखों टन मलबे को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया है। यह पिछली सरकार में नहीं किया गया था।
